-हाइवे पर ही नहीं आबादी क्षेत्रों में भी बेलगाम दौड़ रही बसें

-विभाग ने अभी तक नहीं लगवाए स्पीड गवर्नर

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325- बसें हैं रीजन की

4-डिपो है रीजन में

14-बसों का करीब इसी माह होना है फिटनेस

22-बसों में लगा हुआ मिला था स्पीड गवर्नर

BAREILLY :

परिवहन निगम के अफसर सड़क सुरक्षा से मुंह मोड़े हुए हैं। शासनादेश के बाद भी बसों में स्पीड गवर्नर नहीं लगा सके। जिसके कारण बसें 60 किमी प्रतिघंटा से अधिक स्पीड से दौड़ा रही हैं। यह हादसे का सबब भी बन रही हैं।

1 सितम्बर से था लगना

तेज रफ्तार दौड़ रहे हैवी व्हीकल्स से हो रहे हादसों को रोकने के लिए शासन ने 1 सितम्बर से स्पीड गवर्नर को कम्पल्सरी कर दिया था। इस संबंध में आरटीओ से लेकर परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया गया था। वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट बिना स्पीड गवर्नर के न जारी करने के लिए भी कहा गया था, लेकिन आदेश का अनुपालन न तो आरटीओ ही करा रहे हैं और न ही परिवहन विभाग के अफसर।

22 नई बसों में लगे हैं स्पीड गवर्नर

परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि स्पीड गवर्नर 22 नई बसों में लगा है, जो रीजन में संकल्प बस सेवा के तहत आई थी। लेकिन अभी पुरानी बसों में स्पीड गवर्नर लगवाने का काम शुरू नहीं हुआ है। अफसर इसके लिए अजीबो-गरीब बहाने भी बनाते हैं कि पुरानी बसों में स्पीड गवर्नर लगाने का ऑप्शन ही नहीं दिया है। जबकि, सच यह है कि कुछ साल पहले डीजल औसत बढ़ाने के लिए तत्कालीन एमडी के निर्देश पर बसों में स्पीड गवर्नर लगाया गया था।

परिवहन निगम की बसों से हुए हादसे

19 अप्रैल 2018- शाहजहांपुर डिपो की बस इज्जतनगर के अहलादपुर पुलिस चौकी के पास अनियंत्रित होकर सामने आ रहे ट्रक से टकराई। एक ही परिवार के तीन लोगों की हुई थी मौत।

18 अगस्त 2018-मीरगंज हाइवे के पास रोड पार कर रही नर्स को अनियंत्रित रोडवेज बस ने रौंदा मौके पर ही हो गई थी मौत।

7 मई 2018-भोजीपुरा क्षेत्र में आलमबाग डिपो की लग्जरी वोल्वो बस अनियंत्रित होकर पलटी। जिसमें लखनऊ निवासी मां बेटे की मौत हो गई जबकि 10 यात्री घायल हो गए थे।

16 जुलाई 2018-मीरगंज हाइवे पर अवंतिका पेट्रोल पम्प के सामने अनियंत्रित रोडवेज होंडा सिटी कार में मारी टक्कर, चार लोग हुए थे घायल।

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इन्हें स्पीड गवर्नर जरूरी नहीं

-दो पहिया वाहन

-फायर बिग्रेड की गाड़ी

-एम्बुलेंस

-पुलिस वाहन

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अभी किसी बस में स्पीड गवर्नर लगाने का काम शुरू नहीं हुआ है। ड्राइवर्स कोई भी अनियंत्रित गति से बस न दौड़ाए उन्हें आगाह किया जाता है।

अमर नाथ मेहता, एसएम रोडवेज

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हाइवे पर जब बस पहुंचती है तो ड्राइवर 80 से ऊपर ही दौड़ाते हैं। कई बार तो यात्री धीमी चलने के लिए भी कहते हैं, लेकिन ड्राइवर यात्रियों की सुनते कब हैं। ओवर स्पीड से ही हादसे हो जाते हैं।

दुलार, बदायूं

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बसें हो या फिर कोई भी वाहन हो उसे नियंत्रित स्पीड में ही चलना चाहिए। अनियंत्रित बस ड्राइवर कंट्रोल ही नहीं कर पाते हैं। जिसका खामियाजा हमेशा यात्रियों को उठाना पड़ता है। क्योंकि बस ड्राइवर को हादसे के समय भाग जाते हैं।

मनोहर, उझानी

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मैं रोडवेज बस से ही अक्सर सफर करता हूं। ड्राइवर बहुत तेज रफ्तार में बस चलाते हैं। रास्ते में कई बार ऐसा हुआ है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के चलते बस में बैठे यात्री चोटिल हो गए। या फिर राहगीर मरते-मरते बचा।

सुनील, बदायूं