- एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने झकरकटी बस अड्डे से 4.5 करोड़ की चरस के साथ बस ड्राइवर और अंतर्राष्ट्रीय तस्कर को किया गिरफ्तार

- पश्चिमी यूपी के चर्चित तौहीद गैंग के लिए नेपाल से कर रहा था चरस की सप्लाई

-रोडवेज बस का ड्राइवर बस में लगे स्पीकर सिस्टम में छुपा कर लाता था चरस, झकरकटी से पश्चिमी यूपी जाने वाली बसों में रखवाता था

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KANPUR(13 Oct.)

शहर का सबसे बड़ा बस अड्डा आज के दौर में तस्करी का जंक्शन बन गया है। जहां आने वाली सैकड़ों बसों से न जाने कौन-कौन से अवैध सामानों की तस्करी की जा रही है? बड़ी बात ये है कि इस काम को अंजाम देने में कई रोडवेज के कर्मचारी भी शामिल हैं। सोमवार को एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने सिद्धार्थ नगर डिपो की बस से क्ब् किलो के करीब चरस बरामद की। इसे बस ड्राइवर बस में लगे स्पीकर सिस्टम में छुपा कर लाया था और झकरकटी बस अड्डे से उसे पश्चिमी यूपी में शामली जाने वाली बस में चढ़ाया जाना था। नेपाल से लाई गई इस चरस के साथ पुलिस ने एक अंतर्राष्ट्रीय तस्कर को भी गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई चरस की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत ब्.भ् करोड़ रुपए बताई जा रही है।

पश्चिमी और पूर्वाचल यूपी में तस्करी के लिए

झकरकटी बस अड्डे में कोई पहली बार तस्करी करके लाई गई चीज बरामद नहीं हुई है। इससे पहले भी यहां से शराब समेत चरस और अन्य चीजें बरामद होती रही है। जिसमें बसों के कई ड्राइवर व कंडक्टर भी शामिल पाए गए थे। दरअसल झकरकटी बस अड्डे को तस्करी के जंक्शन के तौर पर यूज किए जाने की बात इन्हीं तथ्यों से पुख्ता हो जाती है। दिल्ली और हरियाणा की तरफ से आने वाली बसों से कई बार शराब की खेप पकड़ी जा चुकी है। जिन्हें पूर्वाचल में सप्लाई किया जाना था। वहीं स्मगलर्स नेपाल व पूर्वाचल से नशीले पदार्थो को पश्चिमी यूपी और दिल्ली ले जाने के लिए झकरकटी बस अड्डे का प्रयोग करते हैं। यहां पर माल को उतारकर उधर के क्षेत्रों में जाने वाली बसों में लोड कर दिया जाता है। जिसमें कई बार ड्राइवर व कंडक्टर जान कर या अंजाने में सामान को ले जाते हैं।

नेपाल से शामली जाने वाली चरस को स्पीकर्स में छुपा कर लाया

सीओ एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार किया गया संविदा ड्राइवर संजय तिवारी नेपाल से सटे सिद्धार्थ नगर जिले के डिपो की बस लेकर शहर आया था। इससे पहले भी दो बार में वह करोड़ों की चरस लेकर आया था। झकरकटी बस अड्डे पर उसे इस चरस को मेरठ की ओर जाने वाली बस में चढ़ाना था। जिसके लिए वह उस बस के ड्राइवर को कुछ रुपए भी देता। एसटीएफ के मुताबिक उसे हर कैरियर के लिए भ् से क्0 हजार रुपए मिलते थे। कई बार चरस के साथ कोई आदमी होता था और कई बार संजय अकेले ही चरस ले आता था। हैरानी की बात ये है कि इसकी जानकारी बस के कंडक्टर को भी नहीं होती थी।

अंतर्राष्ट्रीय तस्कर भी गिरफ्तार

एसटीएफ और लोकल पुलिस को चरस की खेप आने की सूचना पहले से ही मिल गई थी। जिसके बाद सुबह ब् बजे से ही झकरकटी बस अड्डे पर टीमों ने ट्रैप लगा रखा था। जैसे ही संजय तिवारी सिद्धार्थ नगर डिपो की बस लेकर बस अड्डे में घुसा, एसटीएफ ने उसे घेर कर तलाशी ली तो उसकी निशानदेही पर चरस बरामद हुई। साथ ही उसे ले जा रहा अंतर्राष्ट्रीय तस्कर इकबाल भी पकड़ में आ गया। नेपाल के कृष्णा नगर का रहने वाला इकबाल भ् महीने पहले ही जेल से पांच साल की सजा काट कर छूटा है। वह पश्चिमी यूपी में सक्रिय चर्चित तौहीद उर्फ फक्कल गैंग का सदस्य बताया जा रहा है, जिसके तीन सदस्यों को एसटीएफ पिछले साल गिरफ्तार कर चुकी है। इस चरस को शामली से पूरे पश्चिमी यूपी में सप्लाई किया जाना था।

एक नजर इधर भी

रोडवेस बसों से तस्करी की पिछली घटनाएं

- किदवई नगर डिपो में एआरएम ने छापा मार कर शराब बरामद की थी, जिसमें ड्राइवर और कंडक्टर को बर्खास्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है

- जनवरी में किदवई नगर डिपो की बस में गोरखपुर में आबकारी की टीम ने छापा मार कर शराब पकड़ी थी।

- कानपुर से गई बस में बरेली पुलिस ने छापा मार कर शराब पकड़ी थी।

- इटावा से आई बस में झकरकटी डिपो में छापा मार बड़ी मात्रा में नकली खोया पकड़ा था।