-रोडवेज बस स्टेशन पर खड़ी 11 साइकिल अब तक नहीं दौड़ीं, किराये पर साइकिल लेने आज तक नहीं पहुंचे एक भी पैसेंजर्स

-कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर कबाड़ा हो रही हैं साइकिलें

VARANASI

रूरल एरिया के रोडवेज पैसेंजर्स को सिटी में साइकिल की सुविधा मुहैया कराने की इरादे से रोडवेज हेडक्वार्टर ने डेढ़ साल पहले कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर एक दर्जन साइकिल की सौगात दी है। लेकिन अफसोस जब से साइकिल बस स्टेशन पहुंची है तब से एक बार भी जंजीर में जकड़ी साइकिल के ताले नहीं खुले। रोडवेज की ये बेहतरीन योजना फ्लॉप होती दिख रही है। क्योंकि डेढ़ साल से अधिक समय हो गया लेकिन एक भी पैसेंजर को अब तक साइकिल किराये पर नहीं दी जा सकी है। यही हाल यह है कि अब साइकिल कबाड़ा में तब्दील हो रही हैं। हेडक्वॉर्टर की ओर से सभी रोडवेज बस डिपो में ये साइकिलें मुहैया कराई गई हैं ताकि दूर दराज व रूरल एरिया से रोडवेज बस से सिटी में आने वाले पैंसेंजर्स बस से उतरते ही किराया व सिक्योरिटी के तौर पर डाक्यूमेंट जमाकर साइकिल लेकर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।

स्टैंड में फांक रही धूल

कैंट रोडवेज बस स्टेशन के बाइक स्टैंड में ही कुल क्क् साइकिलों को जंजीर से बांधकर रखा गया है। साल भर से खड़ी-खड़ी इन साइकिलों की हवा भी निकल गई है। सोर्स बताते हैं कि जब से साइकिलें रोडवेज बस डिपो में पहुंची हैं उसके बाद किसी भी पैसेंजर को एक बार भी साइकिल किराये पर नहीं दी गई है।

नहीं किया गया प्रचार-प्रसार

एक बात यह भी है कि बहुत से पैसेंजर्स को पता ही नहीं है कि रोडवेज विभाग में किराये पर साइकिल देने की कोई योजना भी शुरू की गई है। प्रचार प्रसार न होने के कारण ये सिचुएशन क्रिएट हुई है। साइकिल किराये पर दिये जाने को लेकर न तो बस स्टेशन परिसर में और न ही बसेज में पैम्फलेट, स्टीकर लगाया गया है। किराये पर साइकिल लेने के लिए क्या प्रॉसेस है? इसकी भी जानकारी रोडवेज विभाग की ओर से यात्रियों को नहीं दी जा रही है।

आईडी प्रूफ, गारंटर भी है जरूरी

रोडवेज ऑफिसर्स की मानें तो अब तक एक भी पैंसजर ने किराये पर साइकिल लेने के लिए आवेदन नहीं किया है। साइकिल लेने के लिए पैसेंजर के पास बस टिकट, आईडी प्रूफ के अलावा एक गारंटर भी होना जरूरी है। तभी साइकिल किराये पर दी जाएगी। साइकिल का किराया भी महज पांच रुपये प्रतिदिन रखा गया है।

हम तो साइकिल देने के लिए तैयार बैठे हैं। पर अभी तक कोई यात्री साइकिल लेने के लिए पहुंचा ही नहीं है। यह हाल लखनऊ सहित कई महानगरों का है।

पीके तिवारी

आरएम, रोडवेज बस स्टेशन, कैंट