एक और प्रॉब्लम भी है

बिजली, पानी, सडक़ और कूड़े के बाद कानपुराइट्स के सामने एक और प्रॉब्लम भी है। वो है यहां के अनकंट्रोल्ड ट्रैफिक की समस्या। लगभग रोज ही जाम में फंसकर घंटों का टाइम वेस्ट करना शहरवासियों की किस्मत बन चुकी है। वेडनेसडे को शहर आए परिवहन मंत्री मनपाल सिंह ने रोडवेज बसों को भी न्यूसेंस का कारण माना और इसे क्रिएट करने वाले रोडवेज ड्राइवर्स और कंडक्टर्स पर कार्रवाई के निर्देश दिए। मिनिस्टर साहब के इंस्ट्रक्शंस का रोडवेज पर क्या असर पड़ा, ये जानने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने रियलिटी चेक किया। हकीकत बेहद कड़वी थी। रोडवेज बसें ठीक झकरकटी बस अड्डे के सामने धमाचौकड़ी मचाती दिखीं। बस स्टेशन के सामने ही दिनभर रोडवेज बसों में सडक़ के बीचों-बीच ही सवारियां भरी गई। इससे बार-बार दिनभर जाम लगता रहा और कानपुराइट्स को रोज की तरह भीषण परेशानियां झेलनी पड़ीं।

कोई नहीं देखने वाला

निर्देशों की हकीकत जानने जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर झकरकटी बस स्टेशन पहुंचा, तो नजारा बेहद बुरा था। रोडवेज बस ड्राइवर्स और कंडक्टर्स पुल के नीचे ही बसों को खड़ा कर सवारियां भरने में मशगूल थे। एक साथ कई गाडिय़ों के झुंड बनाकर खड़े होने की वजह से पुल के नीचे भीषण जाम लगा हुआ था, जिससे पूरी जीटी रोड पर भी ट्रैफिक रेंग ही रहा था। इस पूरे सीन को आई नेक्स्ट फोटोग्राफर अपने कैमरे में कैद कर ही रहा था कि तभी गेट पर ड्यूटी कर रहे रोजवेज इंप्लाई आरके तिवारी जिन्हें स्टेशन पर रोडवेज बसों का अरेंजमेंट देखने के लिए नियुक्त किया गया था, आए। वो एक बस कंडक्टर से कहने लगे अरे यार फोटो खिंचवाने में ज्यादा मजा आ रहा है क्या? चलो अंदर से सवारियां भरो, नहीं तो खुद झेलोगे। इतने में कुछ ड्राइवर्स ने तो बसों को अंदर किया, लेकिन कई पर इसका असर नहीं पड़ा। कई तो आगे टाटमिल चौराहे की तरफ बढ़ गए।

डंडा लेकर दौड़ा लिया

टाटमिल चौराहे की तरफ जब बसों का झुंड बढ़ा तो वहां पर भी जाम लगने लगा। बस ड्राइवर और कंडक्टर के इस रवैये के बाद आरके तिवारी को डंडा लेकर बसों को वहां से भगाना पड़ा। हालांकि ये बात अलग है कि उनके इतना करने के बाद भी कई ड्राइवर्स वहीं पर डटे रहे और उनको नजरअंदाज कर दिया।

तो खत्म हो सकती है प्रॉब्लम

झकरकटी बस स्टेशन पर बसों के प्लेटफॉर्म फिक्स नहीं हैं। इस वजह से कई बार पैसेंजर्स बसों को ढूंढते रहते हैं। इसीलिए जल्दी और आसानी से पैसेंजर्स को बैठाने के चक्कर में ड्राइवर बसों को बाहर लगाते हैं, और सवारियों को अंदर जाने ही नहीं देते। इसी से जाम लगने लगता है। लखनऊ, इलाहाबाद, जहानाबाद, उरई जाने वाली बसें ज्यादातर बाहर ही खड़ी हो जाती हैं। वहीं समय से बस स्टेशन न पहुंचने की वजह से बाहरी रूट की बसें जीटी रोड पर ही रोक दी जाती हैं।

टैक्स चोरी का भी खेल

बस स्टेशन और डिपो के बाहर बसों को खड़ा करने का एक और खेल होता है वो है टैक्स चोरी.  बाहर खड़ी बसों में पार्सल और सामान बिना बुक किए ही भेज दिया जाता है। बैन होने के बावजूद भी बसों के अंदर बिना यात्री के कामर्शियल आईटम्स भेज दिए जाते हैं जिनका कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं होता है। थर्सडे को कई बसों में इसी तरह ही बसों के अंदर सामान लोड किया जाता रहा।

ये है आदेश

यूपी के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ने सिटी में  बढ़ते ट्रैफिक न्यूसेंस का कारण रोडवेज बसों को भी माना है। सडक़ पर रोककर सवारी भरने व कहीं भी बसें खड़ी कर देने वाले ऐसे ड्राइवर्स और कंडक्टर्स के खिलाफ मिनिस्टर मनपाल सिंह ने आरएम को चालान करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने चालान का हर्जाना भी ड्राइवर और कंडक्टर की सैलरी से काटने के निर्देश दिए हैं।

ये बसें खड़ी थीं

यूपी78बीटी 4622

यूपी33ए 9931

यूपी78बीटी 4662

यूपी78बीटी 4840

यूपी78टी 7654

यूपी70बीटी 0818

यूपी77एन 7654

यूपी32एटी 3302

यूपी95बी 3550

यूपी85वी 9295

यूपी93टी 7654

यूपी33टी 9015

यूपी71बी 7398

यूपी33टी 8310