- बाढ़ के चलते पूरी तरह जर्जर हो चुका है गोरखपुर-सोनौली मार्ग

- पानी हटने के बाद टूटी सड़क पर ही होने लगा रोडवेज बसों का संचालन

- जान जोखिम में डाल बस ले जा रहे ड्राइवर, कहीं भी हो सकता है हादसा

GORAKHPUR: सड़कों पर आया बाढ़ का पानी हटते ही रोडवेज ने खतरों भरा सफर चालू कर दिया है। बाढ़ से बुरी तरह बर्बाद हुए गोरखपुर-सोनौली रूट पर दस दिन ठप रहे संचालन को पानी हटते ही शुरू कर दिया गया है। बता दें, गोरखपुर से सोनौली जाने वाली सड़क पानी के चलते दोनों किनारों से पूरी तरह कट चुकी है। जिसपर भारी वाहनों का चलना तो दूर, छोटे वाहनों का चलना भी किसी हादसे को दावत देने से कम नहीं है। बावजूद इसके खतरे को नजरअंदाज कर रोडवेज के जिम्मेदार धड़ल्ले से बसों का संचालन इस रूट पर करवा रहे हैं। वहीं, बाढ़ से तबाह एक और रूट निचलौल-ठूठीबारी पर भी पैसेंजर्स की जान खतरे में डाल बसों को दौड़ाया जा रहा है।

अपने रिस्क पर चल रहे ड्राइवर्स

वहीं, रोडवेज अधिकारियों द्वारा इन जर्जर सड़कों पर बसों का संचालन शुरू किए जाने से बस ड्राइवर्स भी परेशान दिख रहे हैं। ड्राइवर्स ने बताया कि आदेश के बाद टूटे रूट्स पर बस ले तो जानी ही है। ऐसे में इन रूट्स पर वे बेहद सावधानीपूर्वक धीमी गति से बस चला रहे हैं। सोमवार को भी रोडवेज डिपो की आठ बसें सोनौली के लिए रवाना हुईं, जबकि अन्य डिपो की भी करीब दर्जन भर बसें इस रूट पर गईं। शुक्र रहा कि ड्राइवर्स की सूझबूझ से इस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ। वहीं, सड़कें टूटी होने के बावजूद बसों का संचालन होने पर रोडवेज अधिकारी अन्य विकल्प ना होने का तर्क दे रहे हैं। गोरखपुर डिपो के एआरएम आरके मंडल का कहना है कि जो सड़कें पानी से पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं उनपर बस चलना रिस्की तो है पर इन रूट्स के पैसेंजर्स के पास अन्य कोई विकल्प नहीं होने से बसें चलाना मजबूरी है।

वाराणसी रूट अभी भी डायवर्ट

वहीं गोरखपुर-वाराणसी रूट पर बसों का संचालन अभी भी बदले रूट से ही किया जा रहा है। इस रूट पर अभी भी सड़क पर बाढ़ का पानी है। जिस वजह से बसें खजनी, गोला, बड़हलगंज होते हुए वाराणसी को भेजी जा रही हैं। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि बसों का संचालन ठप होने से निगम को रोजाना 13 से 15 लाख रुपए का नुकसान हो रहा था। ऐसे में अपने इस बड़े नुकसान को देखते हुए रोडवेज ने रास्ते से पानी हटते ही बसों का संचालन शुरू कर दिया। साथ ही अधिकारियों का ये भी तर्क है कि इन रूट्स के पैसेंजर्स की भी डिमांड थी कि बसों का संचालन जल्द शुरू कर दिया जाए।

कोट्स

दस दिन के बाद रास्ता शुरू हुआ है। ऐसे में आना काफी जरूरी था। रोड के दोनों ओर अभी भी पानी भरा हुआ है। कई जगह सड़क पूरी तरह टूट चुकी हैं। ऐसे में डर तो काफी लग रहा लेकिन जाना मजबूरी है।

- विवेक, पैसेंजर

अभी बहुत कम गाडि़यां चलना शुरू हुई हैं। सड़कें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। कहीं भी रोड धंस सकती है। सड़क के बीचोंबीच गाडि़यां आ रही हैं। सोनौली से गोरखपुर का सफर खतरों से कम नहीं है।

- चंद्र बहादुर, पैसेंजर

वन-वे रोड से ही गाडि़यां चल रही हैं। सड़कों के दोनों किनारे पूरी तरह धंस चुके हैं। ऐसे में इतने पैसेंजर्स को लेकर चलना बड़ी जिम्मेदारी है। आदेश के कारण बस तो ले जानी पड़ रही है लेकिन इस रूट पर जरा सी चूक बड़ा हादसा बन सकती है।

- अवधेश कुमार, रोडवेज बस ड्राइवर