-भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा 31 जनवरी से बंद, अनुबंध नहीं कराया गया रिनुअल

-गाजीपुर-बनारस के बीच दुधिया बस सेवा का भी नहीं हो रहा संचालन

-पिछली सरकार की योजनाओं में रूचि नहीं दिखा रहा रोडवेज

VARANASI

भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत बनाने के साथ ही दोनों देशों के बीच सफर करने वालों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस मैत्री बस सेवा की शुरुआत की थी योगी सरकार में उसका संचालन बंद हो गया है। यही नहीं गाजीपुर-बनारस के बीच दुधियों को लाने ले जाने वाली बसें भी नहीं चल रही हैं। लोहिया ग्रामीण बस सेवा की हालत भी खस्ता है। न जाने कब उसे बंद करने का फरमान आ जाए। रोडवेज इनके पीछे तमाम वजहें बता रहा लेकिन हकीकत यह है कि बदली सरकार पुरानी सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में इंटरेस्ट नहीं दिखा रही है।

2014 में हुई थी शुरुआत

वर्ष 2014 के जनवरी माह में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने बनारस पुलिस लाइन से बनारस-काठमाण्डू वाल्वो बस सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। प्रतिदिन की इस सेवा को काफी सराहा गया था। एक बस बनारस रोडवेज की तो दूसरी बस नेपाल की चल रही थी। दोनों तरफ से प्रतिदिन बसों का संचालन होता था। मगर, अब सिर्फ नेपाल की ही चल रही।

नहीं किया रिनुअल

बनारस-काठमांडू बस सेवा के

यात्रियों की संख्या अच्छी खासी थी। फेस्टिवल आदि के वक्त तो हालत यह हो जाती थी कि एडवांस बुकिंग करानी पड़ती थी। रोडवेज को बढि़या रेवेन्यू मिल रहा था। नेपाल में नयी सरकार बनने के बाद हुए हंगामे की वजह से बस सेवा कुछ दिनों के लिए प्रभावित हुई थी। नेपाल में स्थिति सामान्य होने के बाद दोनों देशों की ओर से बस संचालन भी शुरू हो गया था। इस साल 31 जनवरी को अचानक से बनारस से बस का संचालन बंद कर दिया गया। रोडवेज की ओर से

तर्क दिया जा रहा है कि दो साल का ही अनुबंध था। परमिट भी रिनुअल नहीं हो सका, इसलिए बस सेवा पर ब्रेक लगाना पड़ा। हालांकि की बस संचालन बंद हुए कई दिन हो गये लेकिन रिनुअल को लेकर कोई कोशिश नहीं की जा रही है।

साइकिल पर खोवा-दूध

मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट की बनारस में बड़ी डिमांड होने की वजह से हर रोज आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में दुधिये दूध और दुग्ध पदार्थ लेकर यहां आते हैं। इनके लिए पिछली सरकार ने लोहिया ग्रामीण बस सेवा के तहत बनारस से गाजीपुर के लिए विशेष दुधिया बस सेवा की शुरुआत की थी। बस में मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट रखने के लिए व्यवस्था की गयी थी। सरकार बदलते ही यह सेवा बंद हो गई है। अब दुधिया साइकिल-बाइक आदि पर दूध और खोवा आदि लेकर आने को मजबूर होते हैं।

बाक्स

साइकिलें हो गयी नदारद

ग्रामीण, किसान, नौजवानों सहित छात्र-छात्राओं को शहर में भ्रमण के लिए किराये पर रोडवेज की ओर से साइकिल उपलब्ध कराने की योजना शुरू हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे भर में इसे प्रभावी बनाया था। कैंट बस स्टेशन को भी 12 साइकिलें मुहैया कराई गई थीं। बस स्टेशन के स्टैंड में जंजीर से बांधकर रखी गई एक दर्जन साइकिल अब गायब हैं। कोई अधिकारी बताने वाला नहीं कि आखिरकार साइकिलें कहां है?

एक नजर

2014

में शुरू हुई थी भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा

31

जनवरी 2018 से बंद है मैत्री बस सेवा

53

सीटर थी बनारस से नेपाल जाने वाली वाल्वो बस

1553

रुपये था बनारस से काठमाण्डू का किराया

2

बसें दुधियों के लिए गाजीपुर-बनारस के बीच बंद चलती थीं जो सरकार बदलने के बाद बंद हो गयी हैं।

400-500

दुधिया रोज करते थे बस से सफर

बनारस-काठमाण्डू के बीच वाल्वो बस का अनुबंध समाप्त हो गया है। परमिट मिलते ही एक बार फिर बस सेवा की शुरुआत की जाएगी। इसमें सप्ताह भर का समय लग सकता है।

केके शर्मा, आरएम रोडवेज