-डग्गामार वाहन उड़ा ले जा रहे हैं रोडवेज बसों की सवारी
-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में हुआ खुलासा
-फ्लाईओवर हादसे के बाद से अब तक रोडवेज को हुआ करोड़ों का घाटा
रोडवेज बनारस डिविजन इन दिनों जबरदस्त घाटे में चल रहा है। विभाग का दावा है कि डग्गामार वाहनों की बढ़ती संख्या और फ्लाईओवर हादसे के बाद से बंद हुए कैंट-लहरतारा मार्ग के चलते रोडवेज को रोजाना नौ से दस लाख रुपये का घाटा हो रहा। रोडवेज के इस दावे की हकीकत जानने के लिए बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने रिएलिटी चेक किया। जो तस्वीर सामने आयी वो चौंकाने वाली थी।
'हाईजैक' हो रहे पैसेंजर्स
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम दोपहर में चांदपुर, कलेक्ट्री फार्म चौराहा पहुंची। पूरा इलाका वाहनों से पटा हुआ था। हर तरफ लंबी कतार रही। रोडवेज बसें सात-आठ की संख्या में रहीं तो डग्गामार वाहनों की संख्या तीन दर्जन से अधिक रही। डग्गामार वाहनों के कंडक्टर उनके गुर्गे पैसेंजर्स को रोडवेज बस की ओर जाने ही नहीं दे रहे थे। लगभग यात्रियों को 'हाईजैक' करते हुए प्राइवेट बसों में बिठा रहे थे।
कोई खा जाए गच्चा
आरटीओ और पुलिस प्रशासन की आंख में धूल झोंकने का डग्गामार वाहन संचालकों का नायाब तरीका नजर आया। डग्गामार बसों को हुबहू रोडवेज के रंग में रंग दिया है। यही नहीं, बस पर 'उत्तर प्रदेश पं। सं.' लिखकर यात्रियों सहित आरटीओ व पुलिस को गुमराह कर रहे हैं। हालांकि ट्रैफिक विभाग के कुछ अधिकारी इस धोखाधड़ी के बारे में जानते भी हैं। पर वो खामोश ही रहते हैं।
सुबह-शाम लग रहा जाम
चांदपुर, कलेक्ट्री फार्म इलाके में दोपहर के समय भीषण जाम था। इसकी वजह वाहनों की भारी भीड़ थी।
बुधवार की दोपहर में लगे भीषण जाम को कंट्रोल करने में मात्र एक टै्रफिक सिपाही की ड्यूटी लगाई गई थी। सिपाही के बार-बार आलाधिकारियों को जाम की हालात बताने के बाद भी दो बजे ट्रैफिक एसआई को भेजकर जाम कंट्रोल कराया गया। आसपास के लोगों ने बताया कि सुबह से शाम तक चौराहे पर जाम झेलना पड़ता है। चांदपुर, कलेक्ट्री फार्म इन दिनों डग्गामार वाहनों से पट गया है। बसों के चलते चहुंओर जाम की स्थिति बन रहती है।
ढाई सौ बसों का संचालन
कलेक्ट्री फार्म से रोडवेज सहित अनुबंधित बसों का बेड़ा ढाई सौ से पार है। यहीं से चंदौली, विंध्यनगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, इलाहाबाद, चित्रकूट, मथुरा, बांदा, कानपुर, नई दिल्ली, आगरा तक एसी और नॉन एसी बसें चल रही हैं मगर, इतने ही संख्या में छोटे-बड़े डग्गामार वाहन भी दौड़ रहे।
डग्गामार पर सब मेहरबान
शहर में जाम की परेशानी से हर कोई वाकिफ है। इसके शहर के अंदर से भारी सवारी वाहन गुजर रहे हैं। जिससे आएदिन जाम लग रहा। जाम का हवाला देकर ही रोडवेज की बसों को शहर में न लाकर उन्हें कलेक्ट्री फार्म स्टैंड भेज दिया गया है। यहां से चंदौली, मिर्जापुर, विंध्यनगर, सोनभद्र, इलाहाबाद, चित्रकूट, मथुरा, कानपुर, दिल्ली तक रोडवेज की एसी व नॉन एसी बसें चल रही हैं। मगर, प्राइवेट डग्गामार बसें शहर के अंदर मलदहिया, सिगरा, रथयात्रा, महमूरगंज, मडुवाडीह होते हुए कलेक्ट्री फार्म तक पहुंच रहीं।
हर रूट पर दौड़ रहे डग्गामार वाहन
फ्लाईओवर हादसे के बाद कैंट-लहरतारा मार्ग बंद होने से डग्गामार वाहनों की संख्याओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इलाहाबाद और चंदौली सहित मिर्जापुर, सोनभद्र रूट पर प्राइवेट वाहनों की संख्या कलेक्ट्री फार्म से बढ़ गई है। उधर, आजमगढ़ रूट की बसें कैंट रेलवे स्टेशन के ठीक सामने निर्माणाधीन फ्लाईओवर की आड़ लेकर दौड़ रही है। इलाहाबाद और आजमगढ़ दोनों राष्ट्रीयकृत मार्ग है। जिन पर प्राइवेट बसें नहीं चल सकती। सिर्फ शादी-विवाह सहित अन्य आयोजन को छोड़कर।
डग्गामार वाहनों की धर-पकड़ के लिए डीएम, एसएसपी, एसपी ट्रैफिक सहित आरटीओ तक को लेटर लिखा गया है। शहर के अंदर से लेकर नेशनल रूट इलाहाबाद व आजमगढ़ पर डग्गामार वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। हर दिन रोडवेज को दस लाख का लॉस हो रहा।
केके शर्मा, आरएम
बनारस डिविजन, रोडवेज
एक नजर
250
रोडवेज बसें कलेक्ट्री फार्म से चल रही हैं
250
से अधिक छोटे-बड़े डग्गामार वाहन दौड़ रहे हैं
15
मई से कैंट-लहरतारा रूट है बंद
10
लाख रुपये रोजाना लग रही है रोडवेज को चपत
3
करोड़ का हुआ रोडवेज को एक माह में नुकसान
2
माह (मई-जून) पीक सीजन होने के बाद भी अच्छी नहीं हुई रोडवेज की कमाई