-रोडवेज बनारस के आठों डिपो हैं कैशलेस विहीन, बस स्टेशन से लेकर कैंटीन तक में नहीं है कार्ड पेमेंट की व्यवस्था

-डेली पांच हजार से अधिक यात्रियों की कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर होती है आवाजाही

VARANASI

नोटबंदी के बाद चहुंओर कैशलेस की बात चली। रेलवे और रोडवेज विभाग के अलावा हॉस्पिटल, शोरूम्स, स्कूल्स-कॉलेजेज तक में कैशलेस को बढ़ावा देने के लिए तमाम कवायद हुई। यहां तक की जागरूकता रैली भी निकाली गई। लेकिन अब सब ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं। कैशलेस व्यवस्था सिर्फ प्रचार-प्रसार तक ही सीमित होकर रह गयी है। कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर कैशलेस की व्यवस्था को लेकर अब तक कोई पहल नहीं हुई। दावा तो किया गया था कि टिकट बुकिंग काउंटर से लगायत कंडक्टर तक से कैशलेस व्यवस्था की शुरुआत होगी लेकिन सब हवा-हवाई ही साबित हुआ। रोडवेज बस स्टेशन पर यात्रियों से अब भी कैश ही लिया जा रहा है। कैशलेस की बात पैसेंजर्स चलाकर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हैं लेकिन रोडवेज पर इसका कोई असर नहीं हो रहा। हर दिन पांच हजार से अधिक यात्रियों के दबाव वाले कैंट बस स्टेशन से लेकर काशी डिपो से लगायत आठों डिपो में सिर्फ कैश ही कैश चल रहा है।

टिकट से MST तक सिर्फ कैश

कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर हर रोज लगभग दो हजार से अधिक पैसेंजर्स टिकट बनवाते हैं। यहां से नई दिल्ली, काठमाण्डू, आगरा, मथुरा, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, गोरखपुर, शाक्तिनगर के लिए स्कैनिया, वाल्वो, जनरथ एसी बस सेवाएं चल रही हैं। इन बसेज से सफर करने वाले अधिकतर पैंसेंजर्स बुकिंग क्लर्क से कार्ड पेमेंट की बात जरूर करते हैं। वहीं सौ से अधिक रोजाना एमएसटी बनवाने के लिए लोग पहुंचते हैं। यहां न तो पेटीएम की व्यवस्था है और न ही कार्ड से पेमेंट लेने की कोई उम्मीद दूर-दूर तक दिख रही है।

किसी शॉप पर एक्सेप्ट नहीं कार्ड

टिकट काउंटर के अलावा कैंट रोडवेज बस स्टेशन परिसर में चार कैंटीन के अलावा दो दर्जन से अधिक दुकानें भी हैं लेकिन यहां पर भी कैश में ही पेमेंट लिया जा रहा है। इन दुकानों पर भी कार्ड से पेमेंट लेने की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्रियों को यदि कुछ खरीदना होता है तो उन्हें कैश ही देना पड़ रहा है। जबकि रोडवेज बस स्टेशन पर पांच से छह लाख रुपये रोजाना का इनकम होता है। अकेले सिर्फ टिकट बुकिंग काउंटर से ही डेली ख्भ् हजार से अधिक का लेन देन हो जाता है। चार से पांच लाख रुपये रोजाना कंडक्टर्स द्वारा जमा किया जाता है।

हेडक्वार्टर से ऐसी कोई अभी गाइडलाइन नहीं मिली है। हालांकि कैशलेस व्यवस्था के लिए मंथन चल रहा है। उम्मीद है बहुत जल्द कुछ न कुछ सर्कुलर कैशलेस को लेकर आएगा।

पीके तिवारी, आरएम

रोडवेज विभाग, बनारस मंडल

लाखों में होता है लेनदेन

-टिकट के जरिये पांच से छह लाख रुपये विभाग को डेली होता है इनकम

-ख्भ् हजार से अधिक टिकट काउंटर से होता है लेनदेन

-रोडवेज के चारों कैंटीन पर भी नहीं है कार्ड पेमेंट की व्यवस्था

-नई दिल्ली, काठमाण्डू, आगरा, मथुरा, कानपुर, बांदा, लखनऊ के लिए चल रही है बस सेवा

-कैशलेस के लिए रोडवेज को गाइड लाइन का इंतजार

एक नजर

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डिपो बनारस डिवीजन में

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बसों का होता है संचालन

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एसी बस

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अनुबंधित बस

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सिटी ट्रांसपोर्ट की बसेज