514 बसों का संचालन इस समय इलाहाबाद क्षेत्र से किया जा रहा है

01 बस ही रोडवेज के रिकार्ड में है कंडम, जिसकी होगी निलामी

75 बसें सिविल लाइंस बस स्टैंड से संचालित हो रही हैं

49 बसें अनुबंधित हैं सिविल लाइंस से चलने वाली 75 बसों में

12 बसें सिविल लाइंस से पिछले वर्ष की गई थीं निलाम

ALLAHABAD: आप भले रोडवेज की बस में धक्के खाएं, अधिकारियों की नजर में सब ओके है। आप भले कहें सीट के गद्दे फटे हैं, अधिकारियों ने शानदार सीटें लगवाई हैं। आप भले कहें खिड़की में शीशा न होने से बारिश होते ही कपड़े खराब हो जाते हैं, अधिकारियों की नजर में सभी शीशे ओके हैं। अधिकारी की मानें तो पूरे रीजन में महज एक बस है, जो नीलामी की कगार पर है।

हमने कैमरे में कैद की तस्वीर

रोडवेज भले ही बसों को फिट एंड फाइन बताए हकीकत कुछ और है। यह स्थिति तब सामने आई जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम बसों का हाल जानने निकली। इलाहाबाद के बस अड्डों से चलने वाली कई बसें काफी पुरानी हो चुकी हैं। इनमें कई के खिड़की के शीशें गायब हैं। कई बसों की सीट भी खराब है।

फिर भी नहीं लिया सबक

बरेली रोडवेज बस में आग लगने से 25 यात्रियों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद विभाग ने सबक नहीं लिया। पुरानी और समय सीमा पूरी कर चुकी बसें हादसों का कारण बन सकती हैं। नियमानुसार एक बस की मियाद दस साल होती है। इसके बाद इसे नीलाम किया जाता है। अधिकारियों का कहना है कि इलाहाबाद क्षेत्र से कुल 514 बसों का संचालन किया जा रहा है, इनमें केवल एक बस नीलामी की स्थिति में है। अधिकारियों का कहना है कि इलाहाबाद के आसपास के जिलों की बसों की हालत खराब है, जिससे यात्रियों को सफर में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

रोडवेज का सफर काफी बकवास होता है। इन बसों में मजबूरी में भले बैठना पड़े, कोई बैठना नहीं चाहता है। इस भीषण गर्मी में इन बसों में सफर जान जोखिम में डालने जैसा है।

सोनू मौर्य

रोडवेज बस में मेरा सफर का अनुभव काफी खराब रहा है। यह कंडीशन कब सुधरेगी यह तो पता नहीं लेकिन सरकार को पुरानी बसें हटाकर नई लानी चाहिए।

सोहित मिश्रा

बसों की कंडम स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है। समय पूरा होने के बाद भी इन बसों को चलाया जाता है और यात्रियों की जान जोखिम में डाली जाती है।

नीरा त्रिपाठी

सरकारी बस में सफर शायद ही कोई करना चाहे। इनकी हालत बहुत खस्ता होती है। हद तो ये कि बसों के जर्जर हो जाने के बाद इन्हें स्क्रैप करने की बजाय निलाम किया जाता है।

अंजली गर्ग

एक बस को छोड़कर इलाहाबाद क्षेत्र की सभी बसें फिट हैं। कंडम बस की नीलामी की जाती है। दस साल पूरा होने के बाद बसों का संचालन नहीं किया जाता है।

आरएल वर्मा, सेवा प्रबंधक, रोडवेज