-क्राइम ब्रांच ने गिरफ्त में आए लुटेरों से की पूछताछ

-एसएसपी के पूछताछ के बाद भेजे गए जेल

BAREILLY: टॉप कैरेट ज्वैलर्स महा लूटकांड में एसटीएफ के खुलासे पर भले ही कई सवाल खड़े हो रहे हों लेकिन एसटीएफ के खुलासे को बरेली पुलिस सही मान रही है। क्राइम ब्रांच ने गिरफ्त में आए लुटेरों से लंबी पूछताछ की। अब क्राइम ब्रांच फरार चल रहे तीन लुटेरों की तलाश में जुट गई है। क्राइम ब्रांच को उम्मीद है कि हो सकता है कि फरार लुटेरे मनोज वाल्मीकि और राजेश उर्फ झंडू ने सोना न बेचा हो और उनके हाथ माल लग जाए। एसटीएफ के तलाशने पर डीवीआर तो नहीं मिली लेकिन बरेली पुलिस एक बार फिर से फरार लुटेरों के गिरफ्त में आने के बाद डीवीआर की तलाश कर सकती है।

एक घंटे में बेच दी ज्वैलरी

पुलिस पूछताछ में लुटेरे निर्मल सिंह ने बताया कि लूट के बाद सभी मनोज वाल्मीकि के घर पहुंचे थे और यहां मनोज की पत्‍‌नी के सामने ज्वैलरी तौलकर बांटी गई थी। मनोज और झंडू ने शंकर का हिस्सा देने की बात कही थी। जिसके बाद वह सतनाम के साथ शाहजहांपुर चला गया था। यहां सतनाम ने पहले से ही ज्वैलर से डील कर रखी थी। वह उसे बस अड्डे पर बैठाकर चला गया था और एक घंटे में ही ज्वैलरी बेचकर रुपए ले आया था।

पश्चिम बंगाल भ्ागा सतनाम

निर्मल सिंह ने बताया कि वह अपने हिस्से के 7 लाख रुपए लेकर 7 बजकर 40 मिनट पर किसान एक्सप्रेस से पंजाब रवाना हो गया। वहीं सतनाम सिंह पश्चिम बंगाल भाग गया है। यहां उसकी ससुराल बताई जा रही है। एसटीएफ की टीम उसे पकड़ने के लिए पश्चिम बंगाल गई थी लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा था।

फोन बंद करके आए थ्ो लुटेरे

लूट करने से पहले सभी लुटेरों ने बीसलपुर में ही अपने सभी मोबाइल बंद कर लिए थे। उसके बाद सभी ने तिलहर में जाकर ही मोबाइल ऑन किए थे। इसके अलावा शंकर भी उस दिन वारदात स्थल पर न होकर रामपुर चला गया था। जिसके चलते ही पुलिस की सर्विलांस पूरी तरह से फेल हो गई।

शंकर को तो भनक ही नहीं लगी

शंकर ने ज्वैलरी शोरूम की मुखबिरी की थी, उसे यह तो पता था कि शोरूम लूटा जाएगा लेकिन जिस दिन वारदात हुई, उस दिन उसे भनक ही नहीं लगी। जब वह शाम को रेलवे जंक्शन पर पहुंचा तो कुछ लोग लूट की चर्चा कर रहे थे तो वह समझ गया। इसी के चलते उसने बाद में सतनाम को फोन कर अपना हिस्सा मांगा था। इसी फोन करने की वजह से एसटीएफ को लुटेरों का सुराग मिल गया।