- गांवों में गठित की गई सुरक्षा समितियां

- इंस्पेक्टर्स ने बनाए वॉट्सएॅप ग्रुप, ग्राम प्रधानों को जोड़ा

- गश्त के लिये हर थाने को दो अतिरिक्त गाडि़यां

LUCKNOW :

काकोरी में ग्राम प्रधान के बेटे की हत्या कर छह घरों में डकैती की घटना का रायबरेली की घटना से मिलान होगा। दोनों घटनाओं में बदमाशों की एक जैसी मॉडस ऑपरेंडी ने इस शक को गहरा दिया है। इसी शक को पुख्ता करने के लिये पुलिस टीम को रायबरेली रवाना किया गया है। सनसनीखेज घटना से फजीहत झेल रही पुलिस ने डकैतों की तलाश के साथ ही ऐसी वारदात इलाके में दोबारा न हो, इसके लिये होमवर्क भी शुरू कर दिया है। ग्रामीणों की सुरक्षा समितियां गठित कर दी गई हैं, साथ ही सभी इलाकों के इंस्पेक्टर्स ने ग्राम प्रधानों को जोड़ वाट्सएप ग्रुप बनाकर संवाद शुरू कर दिया है। इसके अलावा सुरक्षा को लेकर भी तमाम कवायद शुरू कर दी गई हैं।

तमाम एजेंसियों ने डाला डेरा

काकोरी के कटौली व बनियाखेड़ा गांव में हुई दिलदहला देने वाली इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया है। यही वजह है कि रविवार रात से ही गांव में क्राइम ब्रांच, एसटीएफ और सर्विलांस सेल की टीमों ने डेरा डाल दिया है। हर एक पीडि़त से अलग-अलग बयान लिये गए और उनका मिलान कराया जा रहा है। जांच में जुटी टीमों को जानकारी मिली है कि रायबरेली में भी कुछ महीने पहले इसी तरह से डकैती की घटना हुई, जिसमें बदमाशों ने एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना का खुलासा हुआ और आरोपी अरेस्ट भी हुए थे। बदमाशों की एक तरह की मॉडस ऑपरेंडी होने की वजह से वारदात में शामिल बदमाशों का ब्योरा जुटाने के लिये एक पुलिस टीम को रवाना किया गया है। इसके अलावा गांव और आसपास के इलाकों में रात के वक्त मौजूद रहे मोबाइल फोन्स का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है।

वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा

काकोरी की इस सनसनीखेज घटना ने सरकार को भी झकझोर कर रख दिया है.यही वजह है कि अब तक सुरक्षा के दावे करने वाली पुलिस भी इलाके की सुरक्षा को लेकर अब असल में होमवर्क में जुट गई है। एसपी ग्रामीण डॉ। सतीश ने बताया कि सभी गांवों में ग्राम सुरक्षा समितियों का गठन कर दिया गया है। इसके अलावा हर इलाके के इंस्पेक्टर ने अपने-अपने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों के नंबर लेकर उन्हें एक वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा है। इस ग्रुप से अधिकारी भी जुड़े हैं। जिस किसी भी प्रधान को कोई समस्या होगी वह इंस्पेक्टर से लेकर आलाधिकारियों तक एक ही बार में पहुंच जाएगी। इसके अलावा इंस्पेक्टरों को अपने एरिया के ग्राम प्रधानों से दिन में कम से कम एक बार बात करने को भी कहा गया है। घटना के बाद पहुंचे आईजी लखनऊ रेंज जयनारायण सिंह से ग्रामीणों ने बताया था कि इलाके में गश्त होती ही नहीं है। आईजी की फटकार के बाद सोमवार को सभी ग्रामीण थानों को गश्त के लिये दो-दो अतिरिक्त गाडि़यां मुहैया कराई गई हैं।