- प्राइस में जीएसटी होती है इन्क्लूड लेकिन काउंटर्स पर हो रही एक्स्ट्रा वसूली

<- प्राइस में जीएसटी होती है इन्क्लूड लेकिन काउंटर्स पर हो रही एक्स्ट्रा वसूली

BAREILLY:

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गणतंत्र दिवस पर ऑफर्स का टैग लगा कर गारमेंट्स शोरूम लूट मचा रहे हैं। ब्रांडेड व नॉन ब्रांडेड शोरूम और शॉप में इस समय भ्0 परसेंट छूट के ऑफर्स दिए जा रहे हैं। कहीं-कहीं पर एक पर एक फ्री के ऑफर्स हैं। सामान खरीदने के बाद जब लोग काउंटर्स पर भुगतान करने पहुंच रहे हैं, तो उनसे अलग से जीएसटी का चार्ज वसूल किया जा रहा है। जबकि फ्री वाले सामान पर जीएसटी लगाया ही नहीं जा सकता है।

जीएसटी इन्क्लूड फिर भी वसूली

जिस सामान पर प्राइस लिखा होता है। उस पर जीएसटी पहले से ही इन्क्लूड होती है। यदि कोई सामान भ्00 रुपए का हैं, तो कस्टमर्स भ्00 रुपए ही देने का हकदार है। उससे अलग से जीएसटी चार्ज नहीं किया जा सकता है। जैसे- बिना ऑफर्स के कोई सामान बिकता है, तो कस्टमर्स सेम रेट ही लिया जाता है। फिर ऑफर्स पर प्राइस के अलावा अलग से जीएसटी का सवाल ही नहीं उठता है, लेकिन बावजूद इसके कस्टमर्स को शोरूम में ऑफर्स के नाम पर लूटा जा रहा है। दाम पर अलग से जीएसटी जोड़ कर रुपए वसूल किए जा रहे हैं। चौपुला रोड स्थित एक शोरूम में बीसलपुर से कपड़े खरीदने पहुंची एडवोकेट साक्षी बिंदल का कहना है कि ऑफर्स के नाम पर कस्टमर्स से लूट गलत बात है। सामान पर जीएसटी इन्क्लूड है या नहीं इस बात की जानकारी कस्टमर्स को पहले देनी चाहिए।

कस्टमर्स को नहीं दे रहे जानकारी

यदि, ऑफर्स वाले सामान या किसी अन्य सामान पर जीएसटी अलग से चार्ज की जा रही है, तो इस बात की जानकारी विज्ञापन के माध्यम से देनी चाहिए। साथ ही जहां पर ऑफर्स का टैग लगा रखा है वहां पर जीएसटी इन्क्लूड है या नहीं इस बात का जिक्र होना चाहिए। वहीं एक पर एक सामान फ्री है, तो पहले वाले सामान पर ही शॉप ओनर्स जीएसटी लेने का हकदार है। फ्री वाले सामान पर जीएसटी नहीं जोड़ सकते हैं। फिर भी शोरूम में स्लिप पर ग्रॉस सेल, प्रमोशन डिस्काउंट, एक्स्ट्रा जीएसटी, राउंड ऑफ और नेट पेएबल दिखा कर कस्टमर्स को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं।

ऑफर्स के फेर में कहीं लुट न जाएं

शोरूम में प्रोडक्ट्स पर इस समय ख्0 से भ्0 परसेंट तक छूट चल रही है। वहीं एक पर एक फ्री भी दिए जा रहे हैं। साथ ही अट्रैक्टिव गिफ्ट, स्क्रैच कार्ड, एक्सचेंज जैसे तमाम ऑफर्स कस्टमर को दिए जा रहे हैं। ऑफर्स का टैग लगा कर शॉप ओनर्स मार्केट में पुराना सामान, अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस, सर्विस में कमी, प्रोडक्ट्स में एक से अधिक इफेक्ट, प्राइस से ज्यादा पैसे लेना या फिर सब स्टैंडर्ड प्रोडक्ट को बेच रहे हैं।

इन बातों का ध्यान दें

- भरोसेमंद शॉप से ही किसी प्रोडक्ट्स की खरीदारी करें।

- पक्की स्लिप लेना न भूले।

- ऑफर्स के चक्कर में न पड़कर प्रोडक्ट की क्वॉलिटी को परखें।

- प्रोडक्ट की मदर कंपनी चेक करें।

- एक्सपायरी डेट, मैनुफैक्चरिंग डेट, रेट-वेट, एड्रेस और कोई भी प्रोडक्ट वेट कर देख सकते हैं।

एक नजर

- क्000 शॉप व शोरूम गारमेंट्स के हैं।

- म्00 बड़ी और ब्00 छोटी गारमेंट्स की शॉप।

- क्भ् करोड़ रुपए हर महीने का टर्नओवर।

यदि किसी वन गेट वन फ्री ऑफर है, तो एक सामान पर ही जीएसटी ली जा सकती है। ऑफर में फ्री मिल रहे सामान पर जीएसटी नहीं लगाया जा सकता है।

दीनानाथ, ज्वॉइंट कमिश्नर, कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट

किसी सामान पर कंपनी से ही प्राइस लिखा हुआ आ रहा है, तो उस पर जीएसटी पहले से इन्क्लूड होती है। उस पर अलग से जीएसटी नहीं ली जा सकती है। मेरे साथ भी ऐसा हुआ है। इसकी शिकायत प्रशासन और कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के पोर्टल पर करेंगे।

राजेश जसोरिया, युवा अध्यक्ष, यूपी उद्योग व्यापार मंडल

कस्टमर्स को पहले से जानकारी देनी चाहिए। सामान खरीदने के बाद जब काउंटर पर भुगतान करने पहुंचा तो दुकानदार का कहना था कि अलग से जीएसटी देनी होगी।

महेश कश्यप, मढ़ीनाथ