इविवि छात्रसंघ के निलंबित अध्यक्ष रोहित कुमार मिश्रा ने प्रेस वार्ता कर लगाये गंभीर आरोप

प्रवेश समिति के निदेशक को किया कटघरे में खड़ा, सत्र 2016-17 में लॉ व पीजी प्रवेश का मामला

ALLAHABAD: इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में धांधली का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शैक्षिक सत्र 2016-17 में प्रवेश समिति के निदेशक रहे प्रो। बीएन सिंह ने विभिन्न कोर्सो में दाखिला दिलाने के नाम पर चहेतों को मनमाने तरीके से नम्बर दिलवाकर उनका दाखिला कराया है। यह आरोप इविवि छात्रसंघ के निर्वाचित व निलंबित अध्यक्ष रोहित कुमार मिश्रा ने लगाया है। रोहित का आरोप है कि प्रवेश परीक्षा के दौरान ही प्रवेश समिति के लोगों ने खास छात्रों को परीक्षा से संबंधित उत्तरकुंजी मुहैया कराई। लॉ थ्री इयर प्रवेश परीक्षा के टॉपर को 300 में 292.68 अंक मिलना इसका नमूना है। उन्होंने कहा कि सत्र 2012-13 में भी प्रवेश निदेशक रहे प्रो। बीएन सिंह के खिलाफ 01 करोड़ 72 लाख रूपये की वित्तीय अनियमितता की जांच चल अभी लंबित है। भुगतान पूर्व कुलपति प्रो। एके सिंह और उस समय के एफओ सीए पीके सिंह ने करने से मना कर दिया था।

निदेशक से हटाये गये थे

मालूम हो कि प्रो। बीएन सिंह आगामी सत्र 2017-18 में भी प्रवेश प्रक्रिया के निदेशक नियुक्त किये गये थे। उन्हें छात्रों के भारी विरोध के बाद हटाना पड़ा और नये निदेशक प्रो। मनमोहन कृष्ण को कमान सौंपी गई। प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ दस्तावेजों संग रुबरू रोहित मिश्रा ने प्रो। बीएन सिंह और कुलपति प्रो। आरएल हांगलू पर आरोप लगाया कि दोनों के संरक्षण में ही अरुण कुमार सिंह को विधि त्रिवर्षीय कोर्स में मनमाने नम्बर दिलाकर दाखिला दिलाया गया। यह जानकारी उन्होंने प्रवेश परीक्षा कराने वाली कंपनी टीसीएस से प्राप्त तथ्यों के आधार पर बताई।

एक्चुअल मा‌र्क्स मैनुपुलेट

उन्होंने कहा कि टीसीएस ने विधि की प्रवेश परीक्षा में अरुण को 149.95 अंक दिये। बाद में इसे बदलकर 171.95 अंक कर दाखिला दिया गया। रोहित ने जो सूची सौंपी है। उसके शुरू में 18 ऐसे छात्र-छात्राओं का नाम शामिल है, जिनके अंकों में फेरबदल का आरोप है। सभी प्रवेश लॉ व पीजी से जुड़े हैं।

रिश्तेदार को दिलाया दाखिला

निलंबित छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित कुमार मिश्रा ने आरोप लगाया कि प्रवेश समिति के तत्कालीन निदेशक प्रो। बीएन सिंह ने प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए रिश्तेदार अमरेन्द्र प्रताप सिंह को एमए राजनीतिशास्त्र विज्ञान में दाखिला दिलाया था। अमरेन्द्र को प्रवेश परीक्षा में 102.85 अंक मिला था। लेकिन प्रो। सिंह ने मनमाने तरीके से उन्हें 160.50 अंक दिला दिया। ऐसा ही मामला राणा यशवंत प्रताप सिंह के प्रकरण में भी दिखाई दिया। उन्होंने बताया कि राणा यशवंत को एमए राजनीतिशास्त्र विज्ञान की प्रवेश परीक्षा में 147 अंक मिला। लेकिन टीसीएस के दस्तावेज में एक तरफ 147 तो दूसरी ओर 164.90 अंक दिया गया।

एमएचआरडी को सौंपा दस्तावेज

रोहित कुमार मिश्रा ने प्रवेश परीक्षा कराने वाली कंपनी टीसीएस से प्राप्त दस्तावेजों की एक कॉपी 11 अप्रैल को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर को सौंपी है। उन्होंने अनियमितता के गंभीर प्रकरण में प्रो। सिंह को संरक्षण देने वाले कुलपति प्रो। आरएल हांगलू के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। ताकि सच्चाई सामने आ सके।

विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया में कुलपति का हस्तक्षेप नहीं होता है। रोहित कुमार मिश्रा का आरोप निराधार और असत्य है। दिसम्बर 2016 में जब वे कुलपति से मिले थे और इस प्रकरण की जानकारी दी थी तो कुलपति ने उनसे प्रूफ के साथ लिखित प्रत्यावेदन देने को कहा था। उन्होंने आज तक प्रत्यावेदन नहीं दिया है। वह पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का तरीका है।

प्रो। हर्ष कुमार, जन संपर्क अधिकारी, इविवि