टीकाकरण अभियान में शामिल हुई रोटा वायरस वैक्सीन,
अभी तक केवल आठ बीमारियों के लिए होता था टीकाकरण
देशभर में रोटा वायरस से हर वर्ष करीब 78 हजार मौतें होती हैं
यूपी में इससे 20 प्रतिशत और मेरठ में मौतों का आंकड़ा करीब 4 प्रतिशत हैं।
Meerut। डायरिया जैसी गंभीर बीमारी देने वाले रोटा वायरस से बच्चों को बचाने का बीड़ा अब स्वास्थ्य विभाग ने उठा लिया है। इसके तहत पहली बार विभाग की ओर से बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन मुफ्त पिलाई जाएगी।
अकेले मेरठ में ही इससे करीब 96 हजार बच्चों को इसका फ्री लाभ मिलेगा।
प्राइवेट अस्पतालों में रोटा वायरस के इलाज के लिए 600 से 1000 रूपये तक खर्च करने पड़ते हैं।
प्रदेश के 75 जिलों में इस वैक्सीन को पोलियों की तर्ज पर टीकाकरण में शामिल किया गया हैं।
रोटा वायरस को सरकारी वैक्सीनेशन में शामिल करने वाला यूपी देश का 11 वां स्टेट बन गया है।
विभाग की ओर से अभी तक 8 बीमारियों के लिए वैक्सीनेशन किया जा रहा था।
गला घोंटू, काली खांसी, टिटनेस, पीलिया, न्यूमोनिया, खसरा, पोलियो, टीबी के लिए किया जा रहा था वैक्सीनेशन।
जीरो से दो वर्ष के शिशुओं को स्वास्थ्य विभाग से वैक्सीन देगा।
इसके तहत ओरल वैक्सीन के जरिए 5 बूंद की तीन खुराक होगी।
पहली खुराक डेढ़ महीने के बाद, दूसरी बार ढाई महीने और तीसरी खुराक साढ़े तीन महीने के बाद पिलाई जाएगी।
15 जुलाई के बाद इसका वैक्सीनेशन के शुरू होने की संभावना हैें।
दस्त से ग्रसित शिशु का स्टूल कल्चर करवाने के बाद ही रोटा वायरस डायरिया का खुलासा होता है।
यह मुंह के जरिए शरीर के अंदर प्रवेश करता है और आंत में सूजन, शरीर से अधिक पानी निकलना, उल्टी, दस्त जैसी समस्या पैदा कर देता है।
एक हफ्ते से अधिक तक इसका असर रहता हैं।
अगर बच्चे के शरीर से अधिक पानी निकल जाए तो इसमें मौत तक हो जाती है।
रोटा वायरस के लिए वेक्सीनेशन का प्रशिक्षण चल रहा हैं। इसे पहली बार स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। जल्द की इसकी शुरुआत हो जाएगी।
डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ