-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार ने रोटा वायरस की खुराक पिलाकर की शुरूआत

-बच्चों के नियमित टीकाकरण में शामिल की गयी रोटा वायरस खुराक

 

BAREILLY : डायरिया से बच्चों की होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए वेडनसडे को शहर विधायक डॉ। अरुण कुमार ने रोटा वायरस वैक्सीन का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने बच्चो को रोटा वायरस वैक्सीन की पांच बूंदें भी पिलाई। इसके साथ ही डिस्ट्रिक्ट के देहात क्षेत्रों के सीएचसी और पीएचसी में भी वैक्सीन की शुरुआत क्षेत्रीय विधायकों और डाॅक्टर्स की।

एक वर्ष के बच्चों को पिलाई जाएगी वैक्सीन

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दोपहर को महिला हॉस्पिटल में शहर विधायक ने बच्चों को पांच बूंदें पिलाई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अब सभी टीकाकरण सत्रों के दौरान बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन की पांच बूंदें पिलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि जन्म के 6, 10 और 14 हफ्ते की आयु पर वैक्सीन पिलाई जाएंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन एक वर्ष तक के बच्चों को ही पिलाई जाएगी। अभी तक रोटा वायरस वैक्सीन प्राइवेट हॉस्पिटल्स एवं मेडिकल स्टोर्स में काफी महंगे दामों पर उपलब्ध थी। इसलिए सभी के लिए यह वैक्सीन सुलभ नहीं थी। अब सरकार ने इसे नियमित टीकाकरण में शामिल करके निशुल्क उपलब्ध करा दिया है। इस मौके पर महिला हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ। साधना सक्सेना, सीएमओ डॉ। विनीत शुक्ला और अन्य स्टॉफ भी मौजूद रहा।

क्या है रोटावायरस

रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है। यह बच्चों में दस्त पैदा करने का सबसे बड़ा कारण है। जिसके कारण बच्चे को हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ सकता है या बच्चे कि मृत्यु भी हो सकती है।

3-7 दिनों तक रहता है असर

रोटा वायरस संक्रमण की शुरुआत हल्के दस्त से होती है, जो आगे जाकर गंभीर रूप ले सकता है। समय पर इलाज न मिलने के कारण शरीर में पानी व नमक की कमी हो सकती है, जिससे कई बार बच्चे की मौत तक हो जाती है। रोटा वायरस संक्रमण में गंभीर दस्त के साथ-साथ बुखार और उल्टियां और पेट में दर्द भी होता है। दस्त एवं अन्य लक्षण लगभग 3 से 7 दिनों तक रहते हैं।