- बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने के लिए होगा आयोजन

-महीने की 3 तारीख को शासन को भेजनी होगी रिपोर्ट

-शासन ने बेरोजगारी की बढ़ती समस्या पर उठाया कदम

AGRA। लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार ने प्रदेश सरकार के होश ठिकाने ला दिए हैं। जनता के इसी डिसीजन से सबक लेकर प्रदेश सरकार अब युवाओं की सबसे बड़ी समस्या, बेरोजगारी को खत्म करने के लिए कदम उठा रही है। अपनी कार्यप्रणाली में चेंज करते हुए प्रदेश सरकार अब हर महीने की पहली तारीख को रोजगार दिवस का आयोजन किया करेगी।

होगी समस्याओं का निस्तारण

रोजगार दिवस के आयोजन से हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। फ‌र्स्ट फेज में इसका आयोजन ब्लॉक लेवल पर किया जाएगा। इसमें बेरोजगारों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं के निदान के लिए नामित अधिकारी पूरे आयोजन की समीक्षा कर उसके निस्तारण का प्रयास करेंगे। एक तारीख को ब्लॉक व तहसील में बड़े स्तर पर रोजगार दिवस के आयोजन के बाद तीन तारीख को इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। वहीं, सोर्सेज के अनुसार, चुनाव के बाद प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

चुनाव सीजन में गड़बड़ाई रोजगार की व्यवस्था

फरवरी-मार्च से लेकर मौजूदा समय तक रोजगार की व्यवस्था पटरी से उतर जाने से शासन द्वारा संचालित कई योजनाओं के तहत लोगों को रोजगार मुहैया नहीं हो पा रहा था, आचार संहिता के लागू होने से विकास कार्यो पर पूरी तरह से पाबंदी लगी हुई थी। अधूरे पड़े विकास कार्यो के लिए शासन द्वारा बजट भी रिलीज नहीं हो सका। आपको बता दें कि केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा के तहत प्रत्येक युवा को क्00 दिन का रोजगार गारंटी कानून बनाया था, इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा युवा बेरोजगारों को हर महीने क्000 रुपये के मानदेय देने की योजना भी शुरू की थी, चुनावी सीजन शुरू होते ही सभी योजनाएं गड़बड़ा गई।

नहीं किया था फॉलो

बता दें कि चुनाव से पहले सेंट्रल गवर्नमेंट ने रोजगार दिवस लगाने के लिए गाइडलाइंस भेजी थीं, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे फॉलो नहीं किया। लेकिन जब जनता ने प्रदेश सरकार को नकार दिया तब कहीं जाकर उसे अपना काम याद आया।

'शासन के निर्देशानुसार महीने की पहली तारीख को रोजगार दिवस का आयोजन किया जाएगा, इसकी रिपोर्ट फ् तारीख को शासन को भेजी जाएगी। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.'

एके मिश्रा, डीसी मनरेगा आगरा