सहायक अध्यापिका की बर्खास्तगी की सिफारिश के बाद बहाली पर चयन बोर्ड के पाले में गेंद

स्कूल प्रबंधन ने चयन बोर्ड के सचिव को 2009 में हुई कार्रवाई का सौंपा कच्चा चिट्ठा

ALLAHABAD: सोरांव के आरपी रस्तोगी इंटर कालेज से सहायक अध्यापक के पद पर तैनात नीलू मिश्रा द्वारा फर्जी डिग्री मामले में बर्खास्तगी की सिफारिस के करीब नौ साल बाद बहाली के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अधिकारियों से शिकायत के बाद अब स्कूल प्रबंधन ने पूरे मामले की जानकारी सचिव माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड कार्यालय में उपलब्ध कराई है। स्कूल प्रबंधन की तरफ से सहायक अध्यापिका के पद पर तैनाती के दौरान उनके बीएड डिग्री की जांच में मिले फर्जीवाड़े के दस्तावेज के बाद तत्कालीन डीआईओएस दिनेश सिंह द्वारा बर्खास्तगी की सिफारिस के करीब 9 साल बाद बिना जांच बहाली की जानकारी दी गई है।

एफआईआर के बाद हुई थी कार्रवाई

स्कूल प्रबंधन की ओर से मैनेजर सर्वेश रस्तोगी की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रकरण सामने आने के बाद डीआईओएस दिनेश सिंह ने बीएड की डिग्री की चयन बोर्ड में मौजूद प्रति की फोटो कापी से छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी को सत्यापन के लिए भेजा गया था। यूनिवर्सिटी की ओर से डिग्री को फर्जी करार दिया गया। इसके बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से एफआईआर दर्ज करायी गई। तत्कालीन डीआईओएस ने आरोपी सहायक अध्यापिका नीलू मिश्रा की सेवा समाप्ति का आदेश दिया।

यह मेरा अधिकार है

इसके बाद भी मौजूदा डीआईओएस आरएन विश्वकर्मा ने बिना पुन: जांच कराए संबंधित शिक्षिका को बहाल कर दिया। इस पर स्कूल प्रबंधन ने ऐतराज जताया तो डीआईओएस की तरफ से कहा गया कि यह उनका अधिकार है। स्कूल प्रबंधन की तरफ से मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है।