ALLAHABAD: शरीर सही सलामत है। दिमागी रूप से भी दोनों पूरी तरह फिट हैं। मगर, बगैर मेहनत के पैसा कमाने की चाह में वे किन्नर बन गई। किन्नर के वेश में ट्रेन से सफर कर रहे यात्रियों से पैसे की वसूली शुरू कर दीं। क्योंकि किन्नरों से कोई उलझना नहीं चाहता, लिहाजा वे इसका भरपूर फायदा उठाने लगीं। परेशान यात्रियों ने ट्रेन में किन्नरों के तांडव की शिकायत रेवले पुलिस व शीर्ष अफसरों से की। शिकायत को संजीदगी से लेते हुए जांच में जुटे आरपीएफ नैनी के इंस्पेक्टर और एएसआई ने रविवार की सुबह दोनों को दबोच लिया। उन्होंने पूछताछ शुरू की तो इस चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा हुआ।

 

मुंबई रूट की ट्रेनों में थे सक्रिय

छिवकी रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली मुंबई रूट की ट्रेनों में पिछले कई दिनों से किन्नर यात्रियों से जबरिया पैसा वसूल रहे थे। परेशान पैसेंजर्स इस बात की शिकायत बरार अफसरों से कर रहे थे। यात्री ट्विटर पर भी कम्प्लेन कर रहे थे। लगातार मिल रही शिकायत को आरपीएफ ने गंभीरता से लिया। ट्रेन में किन्नरों के अवैध वसूली पर शिकंजा कसने के लिए आरपीएफ हरकत में आ गई। रविवार की सुबह करीब नौ बजे आरपीएफ के एएसआई सीपी सिंह व संतोष राय छिवकी स्टेशन पर गश्त कर रहे थे। इसी बीच ट्रेन नंबर 19058 उधना एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर दो पर आकर खड़ी हो गई। बगैर देर किए आरपीएफ के एएसआई और जवान ट्रेन में पीछे से पहुंच गए। उनकी नजर दो किन्नरों पर पड़ी। वे किन्नर पैसेंजर्स से पैसे की जबरिया वसूली कर रहे थे। यह देखते ही आरपीएफ के जवानों दोनों को दबोच लिया। दोनों के खिलाफ नैनी थाने में रेलवे एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

 

इस तरह से हुआ खुलासा

पकड़े गए दोनों किन्नरों से कड़ाई से पूछताछ शुरू की गई। आरपीएफ इंस्पेक्टर नैनी सीएस तोमर के मुताबिक एक ने अपनी पहचान शंकरगढ़ पुरवा गांव निवासी फूलचंद भारतीया उर्फ पतरकी, जबकि दूसरे ने पुरवा गांव निवासी सत्तू सिंह उर्फ ऊसर के रूप में दी। उन दोनों ने इंस्पेक्टर को बताया कि वे असली किन्नर नहीं हैं। खाने व कमाने के लिए वे किन्नर बन कर ट्रेन में यात्रियों से पैसे की वसूली का काम करने लगीं। इस खुलासे के बाद पुलिस अब ट्रेन में वसूली कर रहे किन्नरों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने की तैयारी में है।

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