रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर टू पर फीमेल्स के लिए अलग वेटिंग रूम बना है। यहां पर एक महिला एम्प्लॉई की ड्यूटी भी रहती है, लेकिन वह भी मूकदर्शक बनी रहती है, और आरपीएफ जवान और पुरुष महिलाओं के वेटिंग रूम मेें जमे रहते है। आरपीएफ जवान अक्सर ही इस वेटिंग रूम में आराम फरमाते नजर आते हैं। इनको देखकर स्टेशन पर आने वाले जेन्ट्स भी रूम में एंटर करने की हिम्मत जुटा लेते है। होना तो यह चाहिए कि जवानों को उन्हें रोकना चाहिए, लेकिन उनको नियम तोड़ता देख कर सबका हौसला बढ़ जाता है। हद तो तब हो जाती है, जब इनमें से कई के पास एसी का टिकट नहीं होता है। लेकिन इन लोगों को रोकने वाला कोई नहीं है। न तो स्टेशन मास्टर इस तरफ ध्यान देते हैं और नही आरपीएफ के अधिकारी।

लेडीज कतरा कर नहीं जाती अंदर
इन सबकी वजह से अक्सर ऐसा भी होता है कि कोई फीमेल एसी वेटिंग रूम में एंटर करते-करते रुक जाती है। वहां का माहौल देखकर वह अंदर एंटर ही नहीं कर पाती। सैटर्डे को अपने पति के साथ ट्रेन का वेट कर रही प्रमिला ने बताया कि उनके पास एसी ट्रेन का टिकट है। ट्रेन आने में टाइम है। सोचा कि वेटिंग रूम में वेट करेंगी। लेकिन जब वहां पर जेन्ट्स और आरपीएफ वालों को देखा तो वह अंदर नहीं गई और बाहर ही रुक गई। इसी तरह अपनी बेटी के साथ स्टेशन पर ट्रेन का वेट कर रही सुनीता ने बताया कि अगर इसी तरह से वेटिंग रूम पर जेन्ट्स का कब्जा रहेगा तो उस पर लेडीज का बोर्ड लगाने का क्या फायदा।