- आईजी ने तैयार किया प्रोजेक्ट, जल्द पूरी हो जाएगी खरीदारी

- गोरखपुर की 135 ट्रेनों में एस्कार्ट करती है आरपीएफ की टीम

GORAKHPUR: ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आरपीएफ को हाईटेक करने की प्रक्रिया लास्ट स्टेज में पहुंच चुकी है. आरपीएफ केआईजी ने जवानों केलिए कैमरे की डिमांड मुख्यालय को भेज दी है. ट्रेनों में चलने वाले आरपीएफ केएस्कॉर्ट जवान बॉडी वार्न कैमरों से लैस होकर निगहबानी करेंगे. इससे चेकिंग के दौरान जहां संदिग्धों पर नजर रखी जा सकेगी. वहीं किसी तरह की बदसलूकी का आरोप आरपीएफ के लोगों पर नहीं लग सकेगा. आईजी ने बताया कि कुछ जगहों पर प्रयोग के तौर पर इसे शुरू किया गया था. उपयोगिता को देखते हुए हेडक्वार्टर ने सभी जगहों से प्रपोजल मांगा था. गोरखपुर में जवानों को सात सौ कैमरे दिए जाएंगे.

चेकिंग में सब पर रहेंगी निगाहें

ट्रेन से लेकर प्लेटफार्म की चेकिंग तक आरपीएफ जवानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. एस्कॉर्ट करने वाले जवानों को झांसा देकर कई बार संदिग्ध बच निकलते हैं. कोच में होने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में जवान परेशान हो जाते हैं. ऐसे में ट्रेन केभीतर की हर गतिविधि केअलावा प्लेटफार्म की निगरानी केलिए जवानों को कैमरे से लैस करने की तैयारी की गई है. इसलिए रेलवे बोर्ड ने सभी जवानो केलिए कैमरे मुहैया कराने को कहा है. आरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही गोरखपुर में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों को कैमरे मिल जाएंगे.

इनको देंगे बॉडीवार्न कैमरा

-ट्रेन में एस्कॉर्ट करने वाले जवान

-प्लेटफार्म पर ड््यूटी में तैनात बल

-रेलवे परिसर में निगरानी करने वाले जवान

यह होगा फायदा

-जानबूझकर जवान इन कैमरों को नहीं बंद कर पाएंगे.

-ट्रेनों में क्रिमिनल एक्टिविटीज पर लगाम कसा जा सकेगा.

-संदिग्ध लोगों की गतिविधियां कैमरे में रिकार्ड हो जाएंगी.

-एक माह तक रिकार्रि्डग को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.

-ट्रेन केभीतर पैंसेजर्स के साथ होने वाली बदसलूकी पर रोक लगेगी.

-जवानों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा. जांच में गड़बड़ी नहीं होगी.

-ट्रेनों में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी.

-सीट पर अवैध कब्जा, यात्रियों केबीच होने वाले विवाद की रोकथाम करेंगे.

-चेन पुलिंग और जहां-तहां ट्रेन के खड़ी होने पर भी जांच में मदद मिलेगी.

फीडबैक लेकर दी जाएगी रिपोर्ट

बॉडीवार्म कैमरे से लैस आरपीएफ एस्कॉर्ट को तैनात करने केबाद ट्रेन के यात्रियों का फीड बैक लिया जाएगा. पूर्व में किस ट्रेन में कितनी आपराधिक घटनाएं हुई हैं उनसे तुलना करते हुए इसका फायदा देखा जाएगा. अंतिसंवेदनशील ट्रेनों में चलने वाले जवानों को पहले चरण में बॉडीवार्न कैमरे दिए जाएंगे. इसकेबाद अन्य रेलगाडि़यों में इसकी व्यवस्था होगी.

फैक्ट फीगर

गोरखपुर जंक्शन पर कुल प्लेटफार्म 10

गोरखपुर में हाल्टिंग ट्रेन की संख्या- 100

गोरखपुर से ओरीजिनेट होने वाली ट्रेन - 75

जंक्शन पर आकर टर्मिनेट वाली गाडि़यां- 76

ट्रेनों में आरपीएफ का एस्कोर्ट - 135

जीआरपी के जवानों की ड्यूटी - 70

बॉक्स

नहीं दिखते ट्रैफिक पुलिस के कैमरे

यूपी पुलिस में वॉडीवार्न कैमरों की उपलब्धता करा दी गई है. गोरखपुर में ट्रैफिक पुलिस के लिए 10 से अधिक कैमरों का इंतजाम किया गया था. दो माह पूर्व कैमरे मिलने पर ट्रैफिक पुलिस के लोग इनका यूज कर रहे थे. वाहन चेकिंग के दौरान इसका काफी फायदा भी मिल रहा था. लेकिन धीरे-धीरे कैमरे आलमारी में बंद होने लगे हैं. ट्रैफिक पुलिस के लोगों का कहना है कि मोबाइल टीम कैमरों से लैस रहकर जांच करती है.

वर्जन-

आरपीएफ जवानों के लिए कुल सात सौ कैमरों का प्रपोजल तैयार किया गया है. एस्कॉर्ट करने वाले जवानों के अतिरिक्त प्लेटफार्म ड्यूटी सहित अन्य जगहों पर तैनात आरपीएफ जवान भी इन कैमरों से लैस रहेंगे. इससे सुरक्षा व्यवस्था केा पुख्ता करने में मदद मिलेगी.

राजाराम, आईजी आरपीएफ, एनईआर