RANCHI : आरआरडीए के अधीन आने वाली जमीन का सौदा अब जेब पर ज्यादा भारी पड़ेगी। अथॉरिटी अब खरीद-बिक्री होने वाली जमीन के हर प्लॉट के लिए शुल्क वसूलेगा। यह शुल्क जमीन की मैपिंग के नाम पर बेचने वाले से ली जाएगी बिना मैपिंग वाली जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं कराई जा सकेगी। सोमवार को आरआरडीए बोर्ड की मीटिंग में यह अहम निर्णय लिया गया। इसके एवज में आरआरडीए की ओर से जमीन की खरीदारी करने वाले को 99 सालों तक सड़क, बिजली, पानी और साफ-सफाई समेत सभी जरूरी नागरिक सुविधाएं मुहैय्या कराई जाएगी।

देनी होगी फीस

आरआरडीए अध्यक्ष परमा सिंह ने बताया कि आरआरडीए क्षेत्र में ब्रोकर्स द्वारा जिस भी जमीन की प्लॉटिंग कर खरीद-बिक्री की जा रही है, उसकी मैपिंग जरूरी होगी। मैपिंग के लिए शुल्क का निर्धारण किया गया है, जो जमीन बेचने वाले को देना होगा। उन्होंने आगे बताया कि बोर्ड में लिए गए फैसले की जानकारी रजिस्ट्रार ऑफिस को भेजी जाएगी, ताकि वहां सिर्फ वैसी ही जमीन की रजिस्ट्री हो सके, जिसे आरआरडीए से अप्रूवल हो।

10 डिसमिल जमीन के लिए देने होंगे 80 हजार

अगर आप आरआरडीए एरिया में 10 डिसमिल जमीन परचेज करते हैं तो इसकी मैपिंग के लिए 80000 रुपए फीस जमा करनी होगी। ये फीस किस्त में भी दी जा सकती है। इसके एवज में आरआरडीए 99 साल तक बिजली-पानी समेत सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा 10 डिसमिल से कम जमीन होने पर 200 रुपए स्क्वायर मीटर के हिसाब से मैपिंग फीस देनी होगी।

साफ-सफाई की कमान लेगी अपने हाथ

आरआरडीए अध्यक्ष परमा सिंह ने बताया कि नगर निगम जिस तरह निगम एरिया में साफ-सफाई करती है, उसी तरह आरआरडीए भी अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों को साफ -सफ ाई से लेकर हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इसके लिए जरूरी है कि लोगों का डिटेल्स आरआरडीए के पास हो। जमीन की मैपिंग करने पर वहां रहने वाले लोगों का डाटा आसानी से उपलब्ध होगा।

लिए गए ये फैसले भी

- सभी मकानों में अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी होगा

- रिंग रोड बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति करने पर भी सहमति बनी

-आरआरडीए कार्यालय में 5 दिन की कार्य दिवस शुरू करने को लेकर राज्य सरकार को प्रपोजल भेजा जाएगा