-गरीबों का राशन डकार गए 42 कोटेदार, जुलाई में फर्जी तरीके से आधार का प्रयोग कर 9292 राशन कार्डो से निकला गेहूं, चावल

-सरकार को लगी लाखों की चपत, शासन स्तर पर हुआ घोटाले का खुलासा, डीएम ने दर्ज कराई एफआईआर

-डीएम ने जांच कमेटी का गठन किया, कोतवाली क्षेत्र में सबसे ज्यादा हुआ राशन घोटाला

kanpur@inext.co.in

KANPUR : खाद्य आपूर्ति विभाग में लाखों रुपए का महा घोटाला सामने आया है। गरीबों के राशन का हक मारकर लाखों रुपए के इस घोटाले में राशन वितरित करने वाले 42 कोटेदार शामिल हैं। यह घोटाला कानपुर सहित प्रदेश के अन्य 43 जिलों में भी सामने आया है। जिससे पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं इस घोटाले में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो पता चला कि अभी तक इस घोटाले से 40,65,250 रुपए की चपत सरकार को लग चुकी है। आपको बता दें कि सरकार द्वारा गेहूं और चावल को क्रमश: 2 और 3 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी के रूप में दिया जाता है। जबकि सरकार किसानों से यही राशन 1750 रुपए के एमएसपी पर खरीदती है। एमएसपी रेट के हिसाब से सरकार को लाखों का नुकसान हो चुका है।

शासन स्तर पर खुला घोटाला

राशन वितरण को पूरी तरह से ऑनलाइन किया जा चुका है। पिछले 1 साल में सभी अंत्योदय और पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों को आधार कार्ड से जोड़ा गया है। जब शासन स्तर पर कानपुर के राशन वितरण के जुलाई महीने के डाटा को फिल्टर किया गया तो पाया गया कि 42 कोटेदारों ने एक राशन कार्ड पर एक ही आधार कार्ड से सैकड़ों बार राशन निकाला है। इसकी जांच की गई तो पूरा 'खेल' खुल गया। इसके बाद 24 अगस्त को शासन से जिला आपूर्ति विभाग और डीएम को पूरी रिपोर्ट भेजी गई, जिसके बाद डीएम ने फ्राइडे देर रात सभी 42 कोटेदारों के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिए।

--------------

इस प्रकार किया गया घोटाला

एनआईसी से घोटाले का पूरा परीक्षण कराया गया, जिसमें पाया गया कि वास्तविक लाभार्थी के डाटाबेस में फीड किए गए आधार संख्या को एडिट कर किसी दूसरे व्यक्ति के आधार संख्या को फीड कर दिया गया। इसके बाद दूसरे व्यक्ति के थंब इंप्रेशन के जरिए ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया को पूरा किया गया। फर्जीवाड़ा पूरा किए जाने के बाद दोबारा से लाभार्थी के आधार संख्या को अपडेट कर दिया गया। इस प्रक्रिया को 17 आधार कार्डो के जरिए 42 कोटेदारों द्वारा 9292 राशन कार्डो पर प्रयोग हुआ, जिसमें लगभग 1393.8 कुंतल गेहूं और 929.2 कुंतल चावल का घोटाला ई-पीओएस मशीन के जरिए किया गया।

--------------

और जांच चलती रहती है

आपूर्ति विभाग में खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी का यह कोई नया मामला नहीं है। अप्रैल-2012 में कलक्टरगंज थाना क्षेत्र में 200 कुंतल चावल पकड़ा गया था। जिसमें रातों रात चावल की जगह सिंघाड़ा भर दिया गया था। इसी प्रकार दूसरा मामला 1 फरवरी 2018 में पोखरपुर स्थित लक्ष्मी मित्तल फूड में सामने आया था। जिसमें 652 बोरी गेहूं, 200 कुंतल सरकारी चावल पकड़ा गया था। मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन किसी मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

--------------

इन थाना क्षेत्रों में घोटाला

खाद्य क्षेत्र कोटेदारों की संख्या

कोतवाली 21

अनवरगंज 8

कर्नलगंज 8

किदवई नगर 1

जूही 2

कैंट 1

बिल्हौर 1

--------------

इन कोटेदारों ने किया बड़ा खेल

कोटेदार राशन कार्ड से फर्जीवाड़ा

कानपुर कंज्यूमर्स कोआपरेटिव--- 652

चमनगंज लेबर वेलफेयर समिति लि। 611

अजमत अली 581

बेकनगंज उप सहकारी समिति लि। 526

अशोक कुमार मिश्रा 506

संतोष मिश्रा 454

अलीमुन निशां 453

ईशरत उल्ला 427

मनोज सोनकर 339

--------------

इनके खिलाफ हुई एफआईआर

डीएम विजय विश्वास पंत ने जांच कमेटी का गठन करते हुए घोटाले में शामिल वह 17 व्यक्ति जिनका आधार कार्ड है, डाटा बेस में फेरबदल करने वाले, टेक्निकल ऑपरेटर सहित 42 कोटेदारों के खिलाफ कोतवाली, अनवरगंज, कर्नलगंज, किदवई नगर, जूही और कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

-------------

मामले में किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मामले की जांच एसपी क्राइम से कराने के निर्देश दिए हैं। सभी 42 कोटेदार और मामले में संलिप्त व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

-विजय विश्वास पंत, डीएम, कानपुर नगर