ये पाया गया रिपोर्ट में

एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि हर साल हमारे देश में करीब 70 करोड़ रुपये के नकली नोट बाजार में लाए जा रहे हैं। इसको लेकर गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि जांच एजेंसी ने इसको लेकर फॉरेंसिक जांच करवाई है। उस जांच में ये पाया गया है कि इन नकली नोटों में इस्तेमाल की जा रही स्याही, कागज व अन्य सामग्री पाकिस्तान की मुद्रा से पूरी तरह से मिलत-जुलती है।

पकड़ा गया 80 प्रतिशत नकली नोटों को  

इसके अलावा इस रिपोर्ट में ये भी पाया गया है कि हर 10 लाख नोटों के बीच करीब 250 नोट नकली हैं। बता दें अब तक एक्सिस, ICICI और HDFC बैंक ने ऐसे 80 प्रतिशत नकली नोटों को पकड़ा है। ऐसे में बाजार में आम ग्राहक के तौर पर इसको लेकर खास सावधानी बरतने की जरूरत है। सिर्फ बाजार ही नहीं बैंकों से भी रकम निकालते समय एक बारगी ध्यान देने की जरूरत है।

ऐसे पहचानेंगे नकली नोट

अब सवाल ये उठता है कि कैसे पहचानेंगे कि हमारे हाथ में नकली नोट है। इसका जवाब ये है कि आम तौर पर असली और नकली नोट में कुल 12 अंतर होते हैं। नकली नोट की छपाई अक्सर एक कागज पर की जाती है। वहीं असली नोट की छपाई दो कागजों को आपस में चिपकाकर की जाती है। इसके अलावा एक अध्ययन में सभी जगह से आंकड़े जुटाए गए हैं। उदाहरण के तौर पर नकली नोट जब्त करने वाली सभी केंद्रीय एजेंसियां सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो को आंकड़े भेजती हैं न कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो को। इसके इतर एक अध्ययन में यह भी मालूम पड़ा है कि जब्त किए गए नकली नोटों की रिपोर्ट देने में स्थानीय पुलिस पूरी तरह से लापरवाह है। उनके पास इसके बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं है।

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