आगरा। कारोबार जगत को टेंशन में लाने वाला जीएसटी ने सूचना का अधिकार कानून यानी आरटीआई को अपनी चपेट में ले लिया है। एक्टिविस्ट को 18 परसेंट जीएसटी झेलना पड़ रहा है। सीधे तौर पर यह कहना गलत नहीं होगा कि सूचना मांगना भी अब महंगा हो गया है।

पोस्टल ऑर्डर को ज्यादा अहमियत

सूचना का अधिकार के तहत सूचना मांगने के लिए जीएसटी लागू होने से पहले दस रूपये का पोस्टल ऑर्डर लगाया जाता है। बैंक से दस रूपये का ड्राफ्ट बनवाने पर 35 रूपये तक फीस चुकानी पड़ती थी, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद तकरीबन छह रूपये का इजाफा हो गया है। 41 रूपये अब अदा करने पड़ते हैं। लिहाजा डिमांड ड्राफ्ट के बदले आरटीआई एक्टिविस्ट दस रूपये के पोस्टल ऑर्डर को ज्यादा अहमियत देते हैं, लेकिन पोस्टल ऑर्डर के लिहाज से उनकी टेंशन बढ़ी हुई है।

कैश लेने से कर रहे परहेज

पोस्टल ऑर्डर लगाने के पीछे वजह ये है कि यह दस रूपये का मिल जाता है, लेकिन आजकल जीएसटी की वजह से टेंशन बढ़ गई है। सूचना के अधिकार के तहत लगने वाली फीस पर 18 फीसद जीएसटी लग रहा है। इस तरह उन्हें 11.80 रूपये पोस्टल ऑर्डर देना होगा, लेकिन इतने रूपये का पोस्टल ऑर्डर आता नहीं है। एक खास बात और यह है कि सरकारी विभागों में नकद रूपये लेकर सूचना देने से अधिकारी वर्ग परहेज करते हैं।