- एक से दूसरे स्टेट में गाडि़यों को ट्रांसफर करना हो जाएगा आसान

- डीजल वाहनों को दो परसेंट ज्यादा व इलेक्ट्रिक को दो परसेंट कम टैक्स

VARANASI

देश के अलग-अलग स्टेट में वाहनों का रजिस्ट्रेशन टैक्स अलग-अलग है लेकिन एक देश-एक टैक्स का सिद्धांत लागू हो सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से बनाए गए परिवहन मंत्रियों के समूह ने इस मसले पर मंथन किया है। इसमें जीएसटी की तरह आरटीओ में भी एक देश-एक टैक्स का सिद्धांत लागू करने पर सहमति जताई गई है। इस समूह की अध्यक्षता राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान किया था। अगर इस प्रस्ताव पर सरकार ने अपनी सहमति दे दी तो टू व्हीलर और फोर व्हीलर्स के एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर पर किसी तरह का कोई रोड टैक्स नहीं लिया जाएगा।

तीन स्लैब पर मंथन

मंत्रियों के समूह ने सेंट्रल गवर्नमेंट को प्रस्ताव दिया है कि टैक्स के लिए तीन स्लैब बनाए जा सकते हैं। इसमें 10 लाख रुपये से नीचे की कीमत वाली गाडि़यों के लिए आठ परसेंट, 10-20 लाख रुपये के लिए 10 परसेंट और 20 लाख से ऊपर की कीमत वाली गाडि़यों के लिए 12 परसेंट टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। डीजल वाली गाडि़यों पर दो परसेंट एक्स्ट्रा और इलेक्ट्रिक गाडि़यों पर दो परसेंट छूट देने का प्रस्ताव दिया गया है। इतना ही नहीं बस व टैक्सी के लिए नेशनल परमिट जारी करने का आदेश दिया गया है। अभी तक बस और टैक्सी जब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाती हैं, तो उनको दूसरे राज्य का परमिट लेना होता है। इसमें लोगों का काफी पैसा और वक्त भी बर्बाद होता है। जिन बसों और टैक्सियों के पास परमिट होता है, केवल उन्हीं को राज्यों में चलने की मंजूरी मिलती है।

एक टैक्स के बहुत फायदे

कई राज्यों में रोड टैक्स और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन शुल्क काफी कम है। ऐसे में लोग ऐसे राज्यों में अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं, जहां पर दरें काफी कम हैं। फिर दूसरे राज्य में रजिस्टर्ड की गई गाड़ी को अन्य राज्यों में चलाते हैं। एक टैक्स करने से लोग ऐसा नहीं कर सकेंगे।