-आरटीओ को डिमांड के हिसाब से राजकीय प्रेस से नहीं मिल पा रहा प्रिंटिंग पेपर

-पिछले तीन महीने से मांग से आधा मिल रहा पेपर, वाहन मालिक हो रहे परेशान

VARANASI

वाहन खरीदने और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी लोग सेल लेटर लेकर चलने को मजबूर हैं। उन्हें आरटीओ से आरसी मिल ही नहीं रही है। सिचुएशन यह है कि आरटीओ व एआरटीओ में वाहनों के पंजीकरण, ट्रांसफर, हाइपोथिकेशन कैंसिलेशन सहित कई कायरें के बाद जारी की जाने वाली आरसी लगभग तीन महीने से नहीं मिल पा रही है। इसके चलते वाहन मालिक आरटीओ दफ्तर व डीलर्स की एजेंसियों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। वहीं, आरसी न होने पर चेकिंग में वाहनों का चालान हो जाने पर उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ रहा है। लेकिन इनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

आरसी का नहीं मिल रहा पेपर

नए वाहनों के पंजीकरण के बाद नियमानुसार अगले दिन आरसी प्रिंट करके वाहन मालिक के पते पर भेज दी जानी चाहिए, लेकिन आलम यह है कि कई महीनों से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) के पेपर्स की सप्लाई प्रॉपर न हो पाने से हजारों वाहन मालिक परेशान हो रहे हैं। यहां तक कि बनारस में हर महीने सात हजार से अधिक नए वाहनों का पंजीकरण होता है और सैकड़ों वाहनों का हाइपोथिकेशन कैंसिल होता है। इसके अलावा गाडि़यों के ट्रांसफर के बाद नई आरसी जारी होती है। ऑफिसर्स के मुताबिक राजकीय प्रेस से जरूरत के हिसाब से आरसी का प्रिंटिंग पेपर न मिल पाने की वजह से परेशानी हुई है।

तो इसलिए नहीं बन पा रहा पेपर

लगातार कई महीने से आरसी पेपर आरटीओ को नहीं मिलने से नए वाहन खरीदने वालों को परेशान होना पड़ रहा है। वह अपनी गाड़ी की आरसी के लिए बार-बार आरटीओ व डीलर के पास दौड़ रहे हैं। आएदिन इसके चक्कर में किचकिच भी हो रही है। बनारस में हर महीने करीब 5,000 से 7,000 आरसी पेपर की आवश्यकता होती है, लेकिन बमुश्किल 2,000 से 3,000 आरसी पेपर ही मिल पा रहे हैं। जिससे सभी लोगों को आरसी पेपर नहीं दिया जा रहा है।

आरसी पेपर की क्राइसिस केवल बनारस में ही नहीं है बल्कि प्रदेशभर में है। सोमवार को पेपर से रिलेटेड ऑफिसर्स संग लखनऊ में मीटिंग हुई है। जल्द ही इस समस्या को समाधान हो जाएगा।

आरपी द्विवेदी, आरटीओ

वाराणसी