-परिवहन विभाग आईटीआई करौंदी में बनाएगा मोटर ट्रेनिंग स्कूल

-ट्रेनिंग, ट्रायल व सर्टिफिकेट के बाद ही बनाया जाएगा डीएल

VARANASI

प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल्स के फर्जीवाड़े और बिना ट्रायल के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का खेल अब नहीं चलेगा। परिवहन विभाग ने अब गवर्नमेंट मोटर ट्रेनिंग स्कूल खोलने का डिसीजन लिया है। इसके लिए परिवहन विभाग की ओर से करौंदी स्थित आईटीआई कैंपस में जमीन चिन्हित कर ली गयी है। जल्द ही सरकार की ओर से कार्यदायी संस्था तय कर यहां निर्माण कराया जाएगा व ट्रायल से रिलेटेड अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

अनदेखी पर लगेगा ब्रेक

डिस्ट्रिक्ट में वाहनों की बढ़ती संख्या और बिना ट्रेनिंग वाहन चलाने वालों की वजह से बढ़ते हादसों को देखते हुए प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल खोले गए थे। इनकी ओर से जारी सर्टिफिकेट के आधार पर आरटीओ की ओर से कार व हैवी वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का नियम है। लेकिन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएं जाने के नाम पर इन प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल्स में जमकर फर्जीवाड़ा किया जाता है। नियमों की अनदेखी होती है। इसको रोकने के लिए ही मोटर ट्रेनिंग स्कूल खोलने का डिसीजन लिया गया है। जहां ट्रेनिंग दिया जाएगा और वाहन चलाने का ट्रायल भी लिया जाएगा।

18 वर्ष वाले ले सकेंगे ट्रेनिंग

गवर्नमेंट मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में 18 साल की उम्र पूरी करने वाले एडमिशन ले सकेंगे। उन्हें ट्रेंड ट्रेनर की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल्स में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी और पब्लिक भी इनके शोषण से बच सकेगी।

मिलेगा सर्टिफिकेट, पा सकेंगे जॉब

स्कूल में वाहन चलाने की ट्रेनिंग लेने वालों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी भी दी जाएगी और उन्हें वाहन चलाने के लिए पूरी तरह से फिट बनाया जाएगा। ट्रेनिंग के बाद परीक्षा पास करने वाले को स्कूल से सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। इस सर्टिफिकेट के माध्यम से जॉब भी पा सकेंगे।

तब बिना ट्रेनिंग के लाइसेंस नहीं

ऑफिसर्स के मुताबिक बाइक सहित साधारण ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पहले टेस्ट लेने की प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था। लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए मोटर वाहन एक्ट को सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से सख्त कर दिया गया है। इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से नया मसौदा तैयार किया गया है। इसमें साधारण लाइसेंस के लिए भी मोटर ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण अनिवार्य करने का प्लान है। मानना है कि इससे एक ओर से जहां लोगों में ड्राइविंग सेंस डेवलप होगा तो वहीं हादसे में भी कमी आएगी।

गवर्नमेंट ट्रेनिंग स्कूल व ट्रायल के लिए निर्धारित स्थान बन जाने पर डीएल बनवाने वालों को ड्राइविंग से जुड़े नियम की जानकारी हो जाएगी। इससे हादसे पर भी लगाम लगेगा।

आरपी द्विवेदी, आरटीओ