--RTO के सिटी ऑफिस पर दलालों का कब्जा है बरकरार

-प्रॉपर चेकिंग न होने के कारण खत्म नहीं हो रहा इनका नेक्सस

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सरकारी दावा है कि आरटीओ में दलाल अब पब्लिक को काम कराने के नाम पर हलाल नहीं कर पाएंगे। इन पर नकेल कस दिया गया है। डिपार्टमेंट ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को ऑनलाइन टेस्ट देने का इंतजाम कर दिया है। यानि कि कंप्यूटर पर ट्रैफिक रूल्स से रिलेटेड क्वैश्चंस का आंसर दिए बगैर डीएल मिलने का सपना पूरा होने वाला नहीं है। बावजूद इसके सिटी ऑफिस में दलालों पर रोक नहीं लग पा रही है। वे खुलेआम ऑफिस पहुंचने वालों को अपने जाल में फंसा ले रहे हैं और जमकर कमाई कर रहे हैं।

नहीं लगा दलालों पर जैमर

ऑफिसर्स के मुताबिक कंप्यूटराइज्ड ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, टैक्स डिपॉजिट के साथ ही डीएल बनवाने वालों को ऑनलाइन टेस्ट देना होता है। इसके तहत सिटी ऑफिस में चार कंप्यूटर लगाए गए हैं। वहीं अन्य कार्यो के लिए भी कंप्यूटर लगा है। इस सुविधा के बाद भी ऑफिस पहुंचने वालों को दलाल आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का झांसा देकर पैसा ऐंठ रहे हैं। यहां तक कि ऑनलाइन टेस्ट भी पास कराने का दावा किया जा रहा है।

तो यहां क्यों नहीं

जब आरटीओ के मेन ऑफिस में दलालों को रोकने के लिए कार्रवाई हो सकती है तो सिटी ऑफिस में क्यों नहीं। यह सवाल उनका है जो दलालों से डेली हलाल हो रहे हैं। आखिर उनकी फरियाद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन सहित आरटीओ के ऑफिसर्स तक क्यों नहीं पहुंच रही है। यह भी समझ से परे है। बहरहाल सिटी ऑफिस में दलालों की दखल से लोगों की जहां जेब हल्की हो रही है वहीं प्रॉपर वर्क नहीं हो पा रहा है।

परिवहन विभाग वर्किंग स्टाइल को पारदर्शी बनाने की दिशा में बहुत तेजी से काम कर रहा है। इसमें दलालों को दूर करने की दिशा में भी ऑनलाइन प्रॉसेस हेल्प कर रहा है।

ओपी सिंह, प्रभारी,

आरटीओ सिटी ऑफिस