पैसा दो और noc लो

एलपीजी किट लगने के बाद आरटीओ ऑफिस में संबंधित ह्वीकल की जांच की जाती है। जांच में ओके पाए जाने के बाद ही परमीशन दी जानी चाहिए लेकिन ऐसा शायद ही कभी होता है। आपकी किट चाहे घटिया हो या मानकों के अनुरूप, बस पैसा दीजिए और एनओसी पाइये। किट की जांच आरआई व एआरटीओ की ओर से की जाती है। मगर इन अधिकारियों को इल्लीगल शॉप ओनर 4,000 से 5,000 देकर वाहन में लगे किट को पास करा लेते है। एक अनुमान के मुताबिक आरटीओ ऑफिस में दलाली का यह खेल पर मंथ 5,00,000 रुपए के आस-पास है।

दूसरी सिटी को भी noc

पैसे के दम पर दूसरे सिटीज के वाहनों को भी आसानी से एनओसी मिल जाती है। रूल्स के अकॉर्डिंग ऐसा नहीं होना चाहिए। एनओसी व किट लगाने से पहले वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर रिलेटेड आरटीओ में ट्रांसफर कराना होता है। लेकिन प्राय: ऐसा नहीं होता है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक, संजय नगर और जवाहर मार्केट के कुछ डिस्ट्रिब्यूटर भी इस खेल में इनवॉल्व हैं।  

Record तक maintain नहीं

आरटीओ की ओर से 2008 से सीएनजी व एलपीजी वाहनों को एनओसी जारी की जा रही है। पिछले पांच साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अभी तक करीब 15,000 कार को ही एनओसी जारी की गई। जबकि सिटी में हर साल 8,000 से 10,000 नए वाहन रोड पर आ रहे है। वही दूसरी ओर सभी ऑथोराइज्ड व अनऑथोराइज्ड शॉप ओनर की ओर से हर मंथ करीब 150 वाहनों में एलपीजी व सीएनजी किट लगाई जा रही हैं। ऐसे में यह बात साफ हो जाती है कि आंकड़ों में गोलमाल कर दलाली का कितना बड़ा खेल खेला जा रहा है।

legal fee 50 रुपए

लीगल तौर पर वाहन को पास कराने की फीस 50 रुपए है। ऑथोराइज्ड शॉप ओनर इतने ही पैसे आरटीओ ऑफिस में जमा कर तीन

साल के लिए एनओसी लेने का काम करते हंै। मगर सिटी में वर्क कर रहे 10 से अधिक अनऑथोराइज्ड शॉप ओनर आरटीओ

ऑफिस में कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत के चलते 'एक्स्ट्राÓ पैसे देकर एनओसी ले लेते हैं।

Refuelling में भी जांच नहीं

सीएनजी और एलपीजी पंप पर भी वाहनों में गैस भरते वक्त आरसी की प्रॉपर जांच नहीं की जाती है जबकि रूल्स के अकॉर्डिंग आरसी जांच के बाद ही वाहन ओनर को सीएनजी व एलपीजी प्रोवाइड करानी चाहिए। सैटेलाइट स्थित सीएनजी पंप पर काम करने वाले नफीस का कहना है कि दिल्ली, गाजियाबाद से आने वाले वाहनों में आरटीओ की ओर से वाहनों में एल्युमिनियम की एक प्लेट लगी होती है लेकिन बरेली के वाहनों में ऐसी कोई प्लेट नहीं लगी होती है।

तो अब करना होगा आवेदन

दो दिन पहले ट्रांसपोर्ट कैबिनेट मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने भी इस संबंध में एक निर्देश दिया था। उनका कहना है कि कंपनी मेड सीएनजी व एलपीजी किट वाहनों की तर्ज पर पुराने वाहनों में भी ईंधन टंकी के पास में आरटीओ की अधिकृत प्लेट लगेगी। इस प्लेट को देखकर ही सीएनजी व एलपीजी की सप्लाई होगी। किट लगवाने से पहले वाहन ओनर को आवेदन करना होगा। जांच में किट फिट पायी जाएगी तो ही एनओसी जारी की जाएगी।