-आरटीओ प्रवर्तन विभाग बिना संसाधन के चल रहा कैंपेन

-सात ऑफिसर्स के लिए तीन वाहन और सिर्फ पांच कांस्टेबल

VARANASI

परिवहन विभाग शहर भर में स्कूल वाहनों के खिलाफ कैंपेन चला रहा है, किसी का चालान कर रहा है तो किसी को सीज कर रहा है। लेकिन विभाग की गाडि़यां खुद शासन में 'सीज' हैं। संभागीय परिवहन कार्यालय में संसाधन है न इंफोर्समेंट टीम के पास वाहन ही। जरूरत सात गाडि़यों की है, लेकिन वर्तमान में चालू हालत में हैं महज तीन। इनमें से भी एक गाड़ी अपनी उम्र पूरी कर चुकी है। डिपार्टमेंट के पास पर्याप्त संख्या में कांस्टेबल और ड्राइवर भी नहीं हैं। गाडि़यों व संसाधनों की फाइलों पर शासन कुंडली मारे बैठा है।

रोड पर नहीं निकल पा रही टीम

नौनिहालों के लिए मौत की वजह बन रहे डग्गामार स्कूल वाहन परिवहन विभाग के लिए बड़ी समस्या हैं। इन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी लगाम लगाने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद शहर के लिए मुसीबत बने डग्गामार वाहन, ट्रैफिक रूल्स तोड़ने व कान में ईयरफोन लगाकर चलने वालों के खिलाफ कोई ठोस नीति नहीं बन पा रही है। परिवहन विभाग की टकटकी शासन की ओर लगी है कि कब बजट मिले और संसाधन पूरे हों।

सक्सेस नहीं हो पा रहा कैंपेन

रोड पर खुलेआम फर्राटे भर रहे डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर केवल कोरम पूरा हो रहा है। यही वजह है कि सीएम के निर्देश के बाद भी अभियान सफल नहीं हो पा रहा है। क्योंकि प्रवर्तन विभाग के सभी सात ऑफिसर्स रोड पर निकल ही नहीं पा रहे हैं। इनमें एक आरटीओ प्रवर्तन व छह एआरटीओ हैं। इनको वाहन व कांस्टेबल मिल रहे हैं और न ही ड्राइवर।

डिपार्टमेंट में संसाधन बढ़ाने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। वर्तमान समय में सात ऑफिसर्स के अनुरूप संसाधन कम हैं। शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, मगर इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

केडी सिंह, आरटीओ प्रवर्तन

वाराणसी

22 का चालान, 18 हुए बंद

आरटीओ प्रवर्तन टीम ने डग्गामार वाहनों के खिलाफ शनिवार को भी जबरदस्त अभियान चलाया। आरटीओ प्रवर्तन केडी सिंह के नेतृत्व में चले अभियान में 22 स्कूल वैन व मैजिक का चालान और 18 वाहनों को बंद किया गया। विभिन्न एरिया में चले कैंपेन में राजीव, श्यामलाल व अरुण राय शामिल रहे।