DEHRADUN: अब लाइसेंस धारकों को परिवहन विभाग स्मार्ट लाइसेंस बनाकर देगा, इसके लिए विभाग ने सारी तैयारियां कर ली हैं। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यह प्रक्रिया अगले माह से शुरू की जाएगी। जो भी लाइसेंस बनाये जायेंगे उनकी असली व नकली पहचान के लिए मोबाइल ऐप तैयार की गई है, जिसे विभाग की साइट पर जल्द ही अपलोड कर दिया जाएगा।

 

फीस में कोई इजाफा नहीं

मौजूदा समय में विभाग पेपर लाइसेंस के लिए लर्निग के म्00 रुपए और परमानेंट लाइसेंस के लिए एक हजार रुपए शुल्क ले रहा है। स्मार्ट लाइसेंस भी इसी फीस में जारी होगा, इसके लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

 

 

- सरकार की ओर से सभी राज्यों के परिवहन विभागों को निर्देश जारी हुए थे कि कागज वाले लाइसेंस की जगह पर स्मार्ट लाइसेंस बनाये जाएं। लाइसेंस फीस में भी इजाफा किया गया था। हालांकि, विभाग ज्यादा फीस लेकर अब तक पेपर लाइसेंस ही ईश्यू कर रहा था। - रीना सिंह

 

 

- अन्य राज्यों में एक साल पहले से स्मार्ट लाइसेंस बनाये जा रहे हैं, लेकिन जिले में विभाग द्वारा अभी तक कागज वाले लाइसेंस ही बनाये जा रहे हैं, जबकि सरकार की ओर से सभी को एक साथ आदेश जारी हुए थे। बहरहाल, अब विभाग ने कवायद शुरू की है, जो ठीक है।

नवीन परमार

 

 

- स्मार्ट लाइसेंस बनने से उपभोक्ता को लाइसेंस खराब होने का डर नहीं रहेगा। बारिश में अक्सर कई बार लाइसेंस के भीग जाने से दोबारा से लाइसेंस बनाना पड़ता है। विभाग को बहुत पहले यह कदम उठाना चाहिए था, विभाग की इस योजना का हम स्वागत करते हैं।

नागेन्द्र पंवार

 

 

-विभाग ने जान बूझ कर यह योजना जल्द शुरू नहीं की है। परिवहन विभाग में कमीशनखोरी का खेल चलता आ रहा है, पिछले कई माह से विभाग लाइसेंस आवेदनकर्ता से स्मार्ट लाइसेंस की फीस ले रहा है। लेकिन कागज वाले लाइसेंस दे रहा है।

मयंक रौंतेला

 

 

- विभाग की इस योजना का हम स्वागत करते हैं। इस योजना को जल्द लागू किया जाना था। अभी जो लाइसेंस कागज के बने हैं, वह महज साल भर के भीतर ही खराब हो जाते हैं, लेकिन प्लास्टिक वाले कार्ड बनने से अब अतिरिक्त खर्चा नहीं करना होगा।

सुनीता नेगी

 

 

-अब लाइसेंस धारकों को स्मार्ट कार्ड लाइसेंस मिलेगा। विभाग की ओर से लाइसेंस बनाये जाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। शासन से जैसे ही आदेश जारी होंगे, प्रक्रिया शुरू की जायेगी, स्मार्ट कार्ड लाइसेंस की टेस्टिंग भी की जा चुकी है।

अरविन्द पांडे, एआरटीओ (प्रवर्तन)