डीएसडब्ल्यू ने रजिस्ट्रार को शिकायती पत्र भेजा, कार्रवाई की मांग

आरयू के स्टूडेंट्स जरूरत होने पर निजी हॉस्पिटल जाने को मजबूर

BAREILLY :

आरयू कैंपस में बना प्राइमरी हेल्थ सेंटर, पीएचसी महज दिखावे भर का रह गया है। इस पीएचसी पर स्टूडेंट्स को जरूरत पड़ने पर मेडिकल सुविधा के नाम पर इंतजार ही मिल रहा है। दरअसल, पीएचसी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी डीन स्टूडेंट वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) को बगैर सूचना दिए ही अवकाश पर चले जा रहे हैं। इस कारण अचानक तबीयत बिगड़ने पर स्टूडेंट्स को प्राइवेट हॉस्पिटल की ओर दौड़ लगानी पड़ रही है। डीएसडब्ल्यू ने डॉ। एसएल मौर्य को तीन मई को शिकायती पत्र भेजकर स्वास्थ्यकर्मियों के लापता होने पर शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।

बिना बताए कर रहे छुट्टी

स्टूडेंट्स को आरयू में ही मेडिकल सुविधा दिलाने के लिए कैंपस में प्राइमरी हेल्थ सेंटर खोला गया। इस पीएचसी पर कॉन्ट्रैक्ट पर डॉ। एमएल मौर्य और तीन स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की गई, लेकिन सभी स्वास्थ्य कर्मी डीएसडब्ल्यू प्रो। नीलिमा गुप्ता और पीएचसी प्रभारी का कार्य देख रहे एडीएसडब्ल्यू डॉ। केके महेश्वरी को बगैर सूचना दिए छुट्टी पर चले जाते हैं। इस कारण स्टूडेंट्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

तो फुल टाइम तैनात रहेंगे डॉक्टर्स

पीएचसी पर डॉक्टर की तैनाती पार्ट टाइम है। ऐसे में अक्सर वे पीएचसी से नदारद रहते हैं। ऐसे में डीएसडब्ल्यू ंने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत पीएचसी के लिए दवाएं खरीदी जानी है। इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना है। इसके अलावा फुल टाइम एक मेल और एक फीमेल डॉक्टर की तैनाती करनी हैं। ताकि किसी भी वक्त स्टूडेंट्स को मेडिकल सुविधाएं मिल सकें। इसके अलावा डीएसडब्ल्यू ने सीएमओ डॉ। विजय यादव को लेटर लिखकर यूनिवर्सिटी के लिए एंबुलेंस की मांग की है। ताकि, स्टूडेंट्स की तबीयत बिगड़ने पर उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया जा सके।

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पीएचसी पर तैनात कर्मचारी बगैर किसी सूचना के अवकाश पर चले जाते हैं। ऐसे में, एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसके मुताबिक पीएचसी पर फुल टाइम एक मेल और एक फीमेल डॉक्टर तैनात किया जाएगा।

प्रो। नीलिमा गुप्ता, डीएसडब्ल्यू