-आरयू के मेन हॉस्टल में महिला दिवस पर छात्राओं और वार्डन में शुरू था विवाद

BAREILLY :

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी कैंपस में इन दिनों बराबरी की एक शांत जंग छिड़ी हुई है। मुद्दा है शाम को ग‌र्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के प्रवेश का समय। यूनिवर्सिटी के मेन ग‌र्ल्स हॉस्टल की छात्राएं वीसी, रजिस्ट्रार और वार्डन से मांग कर रही हैं कि हॉस्टल में उनके लौटने का समय बढ़ाया जाए। जल्दी वापस आने के चलते उन्हें कोचिंग पढ़ने का भी समय नहीं मिल पाता है। फिलहाल यूनिवर्सिटी के दोनों ग‌र्ल्स हॉस्टल में छात्राओं को लौटने का समय शाम साढ़े छह बजे है। वह भी पिछले दिनों छात्राओं की मांग के बाद एक घंटा बढ़ाया गया था।

दिलचस्प बात यह है कि यूनिवर्सिटी में दो ग‌र्ल्स हॉस्टल के अलावा लड़कों के चार हॉस्टल हैं। पीजी और रिसर्च स्टूडेंट्स के हॉस्टल में रात 10 बजे तक लौट सकते हैं जबकि अन्य लड़के नौ बजे तक।

छात्राओं का इसी आधार पर तर्क है लड़कों को इतनी देर तक हॉस्टल से बाहर रहने की छूट क्यों हैं और उनको क्यों नहीं। लड़कियों को अब तक साढ़े पांच बजे तक लौटना पड़ता था।

वीसी से नहीं हो सकी मुलाकात

इसी मांग को लेकर छात्राएं मंडे को वीसी प्रो। अनिल शुक्ल से मिलने पहुंची, लेकिन शहर से बाहर होने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी।

महिला दिवस से विरोध किया शुरू

मेन हॉस्टल की छात्राओं ने समय बढ़ाने की मांग को लेकर 8 मार्च यानि महिला दिवस से विरोध शुरू किया था। विरोध स्वरूप छात्राओं न हंगामा किया और रात 12 बजे तक डिनर भी नहीं किया। आखिरकार वार्डन संतोष अरोड़ा को मौके पर आना पड़ा। वीसी से इस बारे में बात करने के आश्वासन के बाद ही छात्राओं ने खाना खाया।

सिर्फ एक घंटा बढ़ाया समय

महिला दिवस के अगले दिन वार्डन संतोष अरोड़ा से बातचीत के बाद वीसी प्रो। अनिल शुक्ल ने शाम को हॉस्टल में छात्राओं के प्रवेश को एक घंटा बढ़ा दिया, लेकिन छात्राएं इससे संतुष्ट नहीं हुई। उनका कहना है कि इतने समय में न ही वह कभी बाजार जा पाती हैं और न कोचिंग सेंटर।