-कर्मचारियों को रिलीव नहीं किए जाने पर मिनिस्ट्रियल स्टॉफ एसोसिएशन ने जताया विरोध

BAREILLY :

आरयू में पटल परिवर्तन को लेकर इन दिनों भारी उठा पटक मची हुई। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की लगातार खबरों के बाद वीसी ने प्रमोट किए गए बाबूओं का पटल परिवर्तन का आदेश तो कर दिया, लेकिन अभी तक किसी को भी रिलीव नहीं किया गया। जबकि प्रमोशन जनवरी में हो गया था और पटल परिवर्तन का आदेश करीब डेढ़ माह बाद हो सका। इसी पर सैटरडे को आरयू की मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन ने कापियों के मूल्यांकन के लिए परीक्षा भवन में लगाए जा रहे फर्नीचर के मुददे को पकड़ लिया। जिसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि कर्मचारियों ने परीक्षा भवन में ताला जड़ दिया और वीसी प्रो। अनिल शुक्ल का घेराव भी किया, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को रिलीव करने और अपनी मांगों को पूरा करने की बात कही। जिस पर वीसी ने इसी माह पूरा करने भरोसा दिया है।

विवाद की वजह तीन कर्मचारी

आरयू ने जनवरी में 17 कर्मचारियों का प्रमोशन किया था, लेकिन पटल चेंज नहीं किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अुनसार असली विवाद की वजह अकाउंट डिपार्टमेंट तैनात तीन बाबू हैं। जिसमें सुनील यादव, पंकज कुमार और अनिल कुमार है। इन तीनों बाबुओं का पटल चेंज हो चुका है लेकिन वह अपना पटल छोड़ने को तैयार नहीं हैं। जबकि उनकी जगह पर अकाउंट में शुत्रघ्न मौर्या, अमित सिंह और अजीत प्रजापति को आना है। यह तीनों बाबू परीक्षा नियंत्रक के अंडर में काम करते हैं। बताया जाता है कि यह तीनों बाबू परीक्षा नियंत्रक इसीलिए रिलीव नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके लिए अकाउंट से ही बाबू नहीं मिल पा रहे हैं।

मांगों को नहीं पूरा कराने अड़े कर्मचारी

मिनिस्ट्रियल स्टॉफ एसोसिएशन के अध्यक्ष हेम कुमार गौतम ने बताया कि वह कर्मचारियों की मांग को लेकर लम्बे समय से प्रयासरत है। लेकिन अफसर उनकी मांगों को वित्त समिति के सामने ही पेश नहीं कर रहे हैं।

-5 लाख की मेडिक्लेम को 10 लाख कराना।

-सैलरी बढ़ाकर 15 हजार और 25 हजार की जाए।

-कर्मचारियों के लिए मिलने वाले लोन की सीमा 5 से बढ़ाकर 10 लाख की जाए।

-परीक्षा में मिलने वाला पारिश्रमिक बढ़ाया जाए।

अब कहां से आया बजट

आरयू ने मेन परीक्षा के मूल्यांकन के लिए परीक्षा भवन में नया फर्नीचर लगाने का दिल्ली के ठेकेदार को करीब डेढ़ करोड़ में काम दिया गया है। यह काम टीचर वेलफेयर फंड से कराया जा रहा है। इसकी जानकारी कर्मचारियों लगी तो उन्होंने विरोध जता दिया, और परीक्षा भवन में ताला डाल दिया। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगों को पूरा करने के लिए बजट पर असर पड़ेगा, लेकिन परीक्षा भवन में फर्नीचर पर पैसे क्यों खराब किए जा रहे हैं।