पहले भी कर चुके हैैं वादा
स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन का पेंच यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के लिए टफ साबित हो रहा है। इलेक्शन को लेकर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस जब-जब हंगामा करते हैैं, वीसी उन्हें सैटिस्फाय करने के लिए कोरा आश्वासन दे देते हैै। पिछले दो सीनेट  में भी जब स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन का मुद्दा उठा तो वीसी ने अगली सीनेट के पहले इलेक्शन करा लेने का वादा किया, पर अबतक इलेक्शन पेंडिंग ही है। वीसी दो बार पहले भी ऐसा वादा कर चुके हैैं। लास्ट ईयर 20 दिसंबर को जब सीनेट बैठी थी तो कई एजेंडे पर डिस्कशन हुआ था। इस एजेंडे के तहत जब सीनेटर्स ने स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन का मुद्दा उठाया तो वीसी ने कहा था कि जल्द ही इलेक्शन प्रॉसेस पूरा कर लेंगे। 12 अगस्त 2013 को भी हुई मीटिंग में वीसी ने अगली सीनेट के पहले स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराने का वादा कर लिया, पर इस सैटरडे को सीनेट की मीटिंग भी हो गई, पर स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन कराने का वादा धरा का धरा ही रह गया।

स्टूडेंट्स लीडर्स  का हंगामा
स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन को लेकर डिफरेंट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस यूनिवर्सिटी हेडक्वार्टर में हंगामा, नारेबाजी और विरोध-प्रदर्शन करते रहे हैैं। इस सिलसिले में स्टूडेंट्स लीडर्स के मिसबिहेव का भी शिकार वीसी समेत कई यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स हो चुके हैं।

छह साल से नहीं हुए यूनियन के इलेक्शन
रांची यूनिवर्सिटी में पिछले छह सालों से स्टूडेंट्स यूनियन का इलेक्शन टलता आ रहा है। यहां 2007 में  स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन हुआ था, उसके बाद से ही इलेक्शन पर ग्र्रहण लगा हुआ है। गौरतलब है कि एक साल के लिए होनेवाले इलेक्शन के जरिए स्टूडेंट्स यूनियन के लिए पांच मेंबर्स चुने जाते हैैं। ऐसा नहीं है कि इलेक्शन कराने पर यूनिवर्सिटी का ध्यान नहीं है। यहां कई बार इलेक्शन प्रॉसेस भी शुरू हुआ, वोटर लिस्ट भी बन गए पर ऐन वक्त पर कभी सिक्योरिटी तो कभी डायरेक्ट अथवा इनडायरेक्ट इलेक्शन प्रॉसेस के बहाने  इलेक्शन टाल दिए गए।

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