- लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में हुए फर्जीवाड़े के बाद गिरफ्त में ली गई रूबी चौधरी

- मेडिकल कराने के बाद रूबी को किया गया कोर्ट में पेश, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

DEHRADUN : प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में छह माह तक रूबी चौधरी किसकी मदद से बेरोक टोक आती जाती रही ? क्या इसके पीछे अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन का हाथ है या फिर इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड सुरक्षा गार्ड देवी सिंह है? फिलहाल पुलिस ने फर्जी आईएएस अधिकारी रूबी चौधरी व सुरक्षा गार्ड देव सिंह को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन ज्वॉइंट डायरेक्टर सौरभ जैन अब भी आजाद हैं, जिस कारण सवाल उठ रहा है कि क्यों पुलिस डिप्टी डायरेक्टर पर हाथ डालने से बच रही है? क्या वास्तव में वे पाक साफ है या फिर इस केस में डिप्टी डायरेक्टर को बचाने का प्रयास किया जा रहा है? बहरहाल यह एसआईटी की जांच पूरा होने के बाद ही पता चलेगी, जो गुपचुप तरीके से अपनी जांच पड़ताल जारी रखे हुए है।

आरोपी रूबी ने किया खुलासा

मसूरी स्थित प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय आईएएस अकादमी में मुज्जफरनगर के कुटगी गांव निवासी रूबी चौधरी छह माह से रह रही थी। आने जाने में दिक्कत न हो इसके लिए उसके पास एसडीएम का फर्जी आईकार्ड था। जिसके बाद उसके खिलाफ मसूरी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस उसे इधर उधर तलाश रही थी कि बीते थर्सडे को रूबी चौधरी ने दून में प्रकट हो गई। सनसनी खेज खुलासा करते हुए बताया कि उसे अकादमी के डिप्टी डायरेक्ट सौरभ ने बीस लाख रुपए में जॉब लगाने का झांसा दिया था, जिसमें वह पांच लाख दे चुकी थी, आने जाने में दिक्कत न हो इसके लिए डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन ने उसे एसडीएम का फर्जी आईकार्ड मुहैया करवाया। रूबी ने डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में तहरीर दी, जिसे पुलिस ने चंद घंटे बाद ही लौटा दिया, तब से रूबी नेहरू कॉलोनी स्थित एक होटल में रह रही थी, जहां पुलिस उस पर नजर बनाए हुए थी, उसे होटल से बाहर न आने की हिदायत दी गई थी।

रूबी को भेजा गया जेल

नेहरू कॉलोनी स्थित एक होटल में रह रही रूबी को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया, जहां से उसे राजपुर थाने ले जाया गया, थाने में एसआईटी ने उससे पूछताछ की। सैटरडे सुबह को उसे मेडिकल के लिए दून महिला अस्पताल लाया गया, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस ने रूबी को रिमांड पर लेने की अर्जी भी कोर्ट में लगाई थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी। वहीं दूसरी तरफ लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकादमी के सुरक्षा गार्ड देव सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। देवी सिंह पर रूबी चौधरी को अपने कमरे में ठहराने का आरोप है। हालांकि देव सिंह पहले ही पुलिस को यह बयान दे चुका है कि रूबी को उसने एक अधिकारी के कहने पर कमरे में रुकवाया।

कौन है फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड ?

हाईप्रोफाइल बन चुके इस मामले में पुलिस चुप्पी साधे जांच कर रही है। जिस कारण तमाम सवालों के जबाव सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि पुलिस जांच के बाद सब कुछ साफ करने की बात कह रही है, लेकिन अभी तक डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन को छोड़ रूबी और देवी सिंह की गिरफ्तारी किसी के गले नहीं उतर रही है। जिस पुलिस पर ही सवाल उठने लगे हैं। माना जा है कि वह दबाव में डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन को बचाने का प्रयास कर रही है।

उठ रहे यह सवाल

1- रूबी को किसके इशारे पर एलबीएस में प्रवेश दिया जाता था?

2- किसने उसे फर्जी एसडीएम का कार्ड मुहैया करवाया ?

3- क्या वास्तव में डिप्टी डायरेक्टर ने रूबी से पांच लाख रुपए लिए ?

4 - फर्जीवाडे़ में देव सिंह की क्या भूमिका है ?

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सुरक्षा गार्ड देव सिंह गिरफ्तार

MUSSOORIE : सुरक्षा गार्ड देवसिंह लगभग बीस वर्षो से अकादमी में सुरक्षा गार्ड पद पर तैनात हैं, जिन पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे अकादमी में बतौर प्रशिक्षु अधिकारी रहने वाली रूबी चौधरी को अपने सरकारी क्वार्टर में किराए पर रखने का आरोप है। फ्क् मार्च को अकादमी के सुरक्षा अधिकारी सत्यवीर सिंह द्वारा कोतवाली में रूबी चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने के बाद इस मामले में सुरक्षा गार्ड देवी सिंहो गिरफ्तार किया गया।

सरकारी क्वाटर में था नजरबंद

दरअसल, मामले का खुलासा होने के बाद देवी सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था और घोड़ा लाइन स्थित सरकारी आवास में ही नजरबंद कर दिया गया था। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि अकादमी में प्रवेश के तीनों गेटों पर देवसिंह की फोटो दे दी गयी थी और सुरक्षा कर्मियों को सख्त हिदायत दी गयी थी कि यह किसी भी हालत में परिसर से बाहर न जाए और किसी से मिले भी नहीं।

नहीं है गेट पर कोई रिकॉर्ड

अत्यंत विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत क्ख् दिसंबर को राष्ट्रपति के अकादमी दौरे के दिन रूबी चौधरी की अकादमी में प्रवेश को लेकर कोई एंट्री रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। जबकि मुख्य गेट पर अकादमी में प्रवेश करने वाले सभी का रिकॉर्ड दर्ज होता है। सूत्रों का कहना है कि अकादमी के सुरक्षा अधिकारी सत्यवीर सिंह के संज्ञान में आए बिना कोई भी अकादमी परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता है और अकादमी परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी स्वयं सत्यवीर सिंह ही करते हैं फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि बिना सुरक्षा अधिकारी की मर्जी के वह अकादमी परिसर में छह महीने तक रही।

ड्यूटी पर आए डायरेक्टर

अकादमी निदेशक राजीव कपूर शनिवार को वापस ड्यूटी पर आ गये हैं और सुरक्षा अधिकारी सत्यवीर सिंह ने भी आज अपनी ड्यूटी ज्वॉइन कर ली है लेकिन दोनों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी।