- ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हॉयर एजुकेशन के तहत कॉलेज का डाटा ऑनलाइन करना है फीड

-आरयू से सम्बद्ध है 480 कॉलेजेज, केवल 12 कॉलेजेज ने डिटेल की वेबसाइट पर अपडेट

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

ऑल इंडिया सर्वे ऑफ एजुकेशन के तहत डाटा फीडिंग में आधार की अनिवार्यता ने आरयू से संबंद्ध कॉलेजेज के होश उड़ा दिए हैं। क्योंकि, आधार से अटैच करने पर कॉलेजज का फर्जीवाड़ा सामने आ जाएगा। ऐसे में कॉलेजेज की संबद्धता भी छिन सकती है। यही वजह है कि कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन डाटा फीडिंग में आनाकानी कर रहे हैं और अभी तक महज 12 कॉलेज ने इंफॉर्मेशन ऑनलाइन किया है।

डाटा फीडिगं में नहीं ले रहे दिलचस्पी

एचआरडी मंत्रालय ने हर साल डिग्री कॉलेजेज का सर्वे कराता है। कॉलेजेज की सुविधाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टूडेंट्स स्ट्रेंथ, प्रोफेसर्स का शैक्षिक ज्ञान आदि की डिटेल ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हॉयर एजुकेशन के तहत संबंधित यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर अपडेट करवाता है, जिसके बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन डाटा को एचआरडी मंत्रालय को भेज देता है। आधार कार्ड नहीं होने के कारण डिग्री कॉलेजेज के प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स की संख्या का वेरिफिकेशन नहीं हो पाता है। लिहाजा, एचआरडी मंत्रालय ने इस साल ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हॉयर एजुकेशन में प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स का आधार कार्ड अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है। क्योंकि, कुछ कॉलेज संचालकों स्कॉलरशिप हड़पने के लिए स्टूडेंट्स का फर्जी तरके से अपने कॉलेज में एडमिशन दिखाते हैं। वहीं, कुछ प्रोफेसर्स कई-कई कॉलेजेज में पढ़ाते हैं। एचआरडी मंत्रालय के इस कदम के बाद कॉलेज संचालकों को फर्जीवाड़े के खुलासे का डर सता है। इसलिए कॉलेज संचालक डाटा फीडिंग में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

12 कॉलेज ने फीड किया डाटा

आरयू ने दिसंबर में सम्बद्ध 480 कॉलेज को लेटर जारी किया कि वे 13 अप्रैल तक डिटेल्स वेबसाइट पर अपलोड कर दें, लेकिन करीब डेढ़ माह बीतने के बाद केवल 12 कॉलेज ने वेबसाइट पर डाटा फीड किया है। वहीं, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि जो कॉलेजेज डाटा अपडेट नहीं करेंगे, उनकी सम्बद्धता कैंसिल कर दी जाएगी।

वर्जन

यूनिवर्सिटी ने सम्बद्ध सभी कॉलेजेज को लेटर लिखा है कि वे 13 अप्रैल तक ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हॉयर एजुकेशन के तहत डाटा अपडेट कर दें। यदि कोई कॉलेज डाटा फीड नहीं करता है, तो आरयू उसकी सम्बद्धता कैंसिल कर देगी।

डॉ। एसएल मौर्य, रजिस्ट्रार