-परेड के पास प्रचार पास लगी गाडि़यों से वोटर्स को ढोने में पकड़ी गई सपा प्रत्याशी की दो एसयूवी

- नगर अध्यक्ष और सपा नेता ने पुलिस और प्रशासन पर दबाव बना कर छुड़वाईं गाडि़यां, एसीएम और चौकी इंचार्ज को धमकाया

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KANPUR : सत्ता की हनक जाती नहीं फिर चाहे चुनाव हो या कुछ और। मामला अगर उस प्रत्याशी का हो जो प्रदेश सरकार में मंत्री है, तो बात ही अलग है। उसके सामने प्रशासन पुलिस की क्या मजाल। कुछ ऐसा ही हुआ वेडनसडे को वोटिंग के दौरान। हुई सपा प्रत्याशी सुरेंद्र मोहन की दो एसयूवी गाडि़यों को परेड मुर्गा मार्केट के पास पुलिस ने पकड़ लिया। इनपर प्रचार वाला पास चिपका था। खबर लगते ही सपा नेता चंदे्रश सिंह और अमिताभ बाजपेई सदभावना चौकी पहुंचे उसके बाद जो हुआ वो तो सत्ता की हनक ही थी। एसीएम साहब को फोन पर ही दूसरी ओर से कुछ सुनाया गया और फिर उन्होंने गाडि़यों को छोड़ने के लिए कह दिया।

चुनाव प्रचार में लगी सुरेंद्र मोहन अग्रवाल की एक फॉच्र्यूनर और सपा नेता डॉ। जेएस सचान की टाटा आरिया एसयूवी को सदभावना चौकी के पास चौकी इंचार्ज अजीत कुमार राय ने वोटर ढोने की शिकायत पर पकड़ लिया था। गाडि़यों के पकड़े जाने की सूचना सपा नेता चंदे्रश सिंह और अमिताभ बाजपेई वहां पहुंच गए। आते ही उन्होंने पहले तो चौकी इंचार्ज अजीत कुमार राय को लताड़ा कि 'तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मंत्री की गाड़ी रोकने की। क्म् मई के बाद नौकरी नहीं करनी क्या.' इसके बाद चंद्रेश ने एसीएम-ब् ब्रज किशोर मौर्या को फोन मिलाया। फोन उठते ही नेताजी अधिकारी पर फूट पड़े कहा कि काला कानून आ गया है क्या। इसके बाद हड़काते हुए उन्होंने मामले को जल्दी गाडि़यां छोड़ने के लिए कहा। नेता जी ने उन्हें भी याद दिलाया कि सत्ता पक्ष के मंत्री की गाड़ी रोकना ठीक नहीं। आनन फानन में एसीएम वहां पहुंचे और गाडि़यां छोड़ने का आदेश कर दिया।

दोनों नेताओं के अलग जवाब

जब चंद्रेश सिंह और अमिताभ बाजपेई से इस बारे में बात की गई तो दोनों ने ही अलग अलग जवाब दिए। चंद्रेश सिंह ने कहा कि वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए वोटर ले जाना गलत बात नहीं है। वहीं अमिताभ बाजपेई ने कहा कि गाडि़यां वोटर नहीं ढो रही थीं बल्कि डीजल डलवाने के लिए निकली थीं।