-नगर निगम ने किया 300 डेयरियों का चालान

- दोबारा गलती करने पर बढ़ाया जाएगा जुर्माना

आई एक्सक्लूसिव

मीतेंद्र गुप्ता

Meerut। नगर निगम ने शहर की तीन सौ डेयरियों का चालान कर दिया है। डेयरियों से अब जुर्माना वसूलना शुरू कर दिया है। यदि दोबारा से नालियों में गोबर बहाया तो जुर्माना की सीमा को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए सभी सफाई निरीक्षक अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं।

निगम में 12 सफाई निरीक्षक

नगर निगम में 12 सफाई निरीक्षक हैं। सभी निरीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले डेयरियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। जो भी डेयरी संचालक नाली में गोबर बहाए तो उसके ऊपर जुर्माना लगाया जाए। उसमें किसी प्रकार की कोताही ना बरती जाए।

शहर में 2100 डेयरियां

मेरठ शहर में 2100 से अधिक पशु डेयरियां गली-गली में फैली हैं। इनके गोबर से नाले नालियां भरी हैं तथा गंदगी से शहर में बीमारियां फैल रही हैं।

1998 से कोर्ट में मामला

प्रदेश शासन ने 1998 में इन डेयरियों को शहर के बाहर कैटल कॉलोनी विकसित करके शिफ्ट करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके डेयरियां जस की तस हैं। नगर निगम, एमडीए और जिला प्रशासन इन्हें शहर से बाहर शिफ्ट करने में विफल रही हैं।

शहर में डेयरियों का जाल

शहर की 20 लाख जनता गली-गली में फैली लगभग 2100 पशु डेयरियों से परेशान है। शहर का कोई ऐसा मोहल्ला या कॉलोनी नहीं है जहां डेयरियां न हों। इन क्षेत्रों में नाले और नालियां गोबर से अटे हैं।

गुम हो गए आदेश

इन हालात के खिलाफ वर्ष 2010 से अभी तक 4 जनहित याचिका, 2 याचिका तथा एक अपील दायर हो चुकी हैं। इन सभी में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश जारी किए हैं। लेकिन सभी आदेश डीएम, नगर आयुक्त और एमडीए उपाध्यक्ष के ऑफिस में पहुंचकर गुम हो जाते हैं।

कब- कब हुए आदेश

- 2012 में मकबरा घोसियान की 24 डेयरियों को हटाने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया।

-2013 में आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने शासनादेश 1998 का पालन करने का आदेश दिया।

-2014 में कैंट क्षेत्र के संबंध में अरविंद यादव ने जनहित याचिका दाखिल की

- 2014 में आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना की दूसरी जनहित याचिका पर कमिश्नर को कोर्ट ने आदेश दिया।

अब चार जनवरी को सुनवाई

9 मई को हाजी असलम ने जनहित याचिका के माध्यम से एमडीए के प्रस्तावित इको पार्क की जमीन काशी-अच्छरोंडा गांव में कैटल कालोनी बनाने की मांग की। जिसमें हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने 8 जुलाई तक निगम से रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन वह रिपोर्ट आज तक दाखिल नहीं हुई। फिलहाल आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने एनजीटी में भी याचिका दायर की है। 4 जनवरी को इसकी सुनवाई होगी।

नाले में गोबर बहाने पर डेयरी संचालकों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सभी सफाई निरीक्षकों को आदेश दे दिए गए हैं कि जो भी डेयरी संचालक नाली में गोबर बहाता है उसके ऊपर जुर्माना लगाने में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाए।

-डॉ। कुंवर सेन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी