दान की आंखें
बाद में कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल कैंपस में आयोजित समारोह में जयराम रमेश ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि उनका अंतिम संस्कार सारंडा के जंगल में किया जाए। अब उन्होंने अपनी आंखें कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल को देने का निश्चय किया है, बशर्तें डॉ भारती कश्यप इसके लिए 200 रुपए की फीस उनसे नहीं लें। वह बीपीएल मंत्री हैं। उन्होंने बताया कि नेत्रदान के लिए उन्होंने अपना एप्लीकेशन भर दिया है।

आई कैंप का समापन
प्रोग्राम के तहत 30 जुलाई से चल रहे आई कैंप का भी समापन कर दिया गया। कैंप में 114 गांवों के दो हजार लोगों की आंखों की जांच की गई। यह जांच इलाके के नक्सलियों से लडऩे के लिए बनाए गए सरयू एक्शन प्लान का हिस्सा है। इस मौके पर बोलते हुए जयराम रमेश ने कहा कि पहले भारती कश्यप ने मनोहरपुर में कैंप लगाया। यहां एक परिवार के चार बच्चे आई प्रॉब्लम की वजह से स्कूल नहीं जा पाते थे, लेकिन आज ट्रीटमेंट के बाद वे स्कूल जा रहे हैं। इसके बाद डॉ भारती कश्यप ने लातेहार में आई कैंप लगाने की चुनौती स्वीकारी। जिस संवदेनशील तरीके से उन्होंने यह चुनौती स्वीकारी है और जितना बेहतर काम कर रही हैं, यह एक एग्जांपल है।