आनलाइन सिस्टम को भी अपने अंदाज में चलाने लगे हैं
आरटीओ ऑफिस से दलालों को आउट करने के लिए प्रदेश सरकार ने गंभीरता दिखाई और पिछले साल ही सिस्टम को आनलाइन करने का फैसला लिया। कम्प्यूटर पर सवालों के जवाब। आनलाइन एप्लीकेशन और फीस जमा करने की सुविधा और आनलाइन टेस्ट की सुविधा देने की शुरुआत कर दी गई। ड्राइविंग लाइसेंस, लाइसेंस रिन्यूवल, नंबर रजिस्ट्रेशन समेत सभी काम ऑनलाइन प्रॉसेस में डाल दिए। इसके बाद भी दलालों ने बाबुओं से मिलकर अपनी उपयोगिता बरकरार रखी। आनलाइन सिस्टम में वे कैसे फिट होंगे? इसका रास्ता भी उन्होंने खुद ही खोज लिया। बाबुओं संग सांठ-गांठ कर ऑनलाइन सिस्टम को आसान बना दिया, जिससे ग्रामीण जनता ने दूरी बनाकर चलती है। अधिकारी भी मानते हैं कि ऑनलाइन सिस्टम लोगों के लिए अबूझ पहेली की तरह है। लोग दलाल को पांच सौ या हजार रुपए देना पसंद करते हैं बनिस्बत खुद ऑनलाइन प्रॉसेस इस्तेमाल करने के।
रिपोर्टर ने पड़ताल शुरू की तो एक युवक पर नजर टिक गई। करीब 18 साल के इस युवक को पब्लिक ने घेर रखा था। पास जाने पर पता चला कि वह दलाल है। रिपोर्टर ने उससे बात की और जाना कि उनका काम चलता कैसे है?
रिपोर्टर- मेरा डीएल रिन्यूवल होना है?
दलाल- हो जाएगा।
रिपोर्टर- कितना पैसा लगेगा?
दलाल- गाड़ी चार पहिया है या दुपहिया?
रिपोर्टर- कार का है 20 दिन पहले लाइसेंस एक्सपायर हो गया है?
दलाल- दो हजार रुपए लगेंगे।
रिपोर्टर- हमें तो एक हजार रुपए बताया गया?
दलाल- किसने बताया।
रिपोर्टर- आपको कितना देना होगा?
दलाल- 1450 रुपए अंदर लगेंगे। रसीद के लिए और पांच सौ रुपए मुझे दे देना। गाड़ी कहां है और कागज लाए हो?
रिपोर्टर- नही, अभी तो केवल पता करने आए हैं। गुरुवार को लेते आएंगे।
दलाल- ठीक है।
रिपोर्टर- एक नॉन वीआईपी नंबर भी चाहिए?
दलाल- मिल जाएगा।
रिपोर्टर- कितना लगेगा?
दलाल-कल आना तभी बता पाएंगे। अपना मोबाइल नंबर दे दो।
रिपोर्टर- मेरा नंबर मत लो। अपना दे दो।
दलाल- 9305955प्तप्तप्त
रिपोर्टर- अपना नाम बता दो?
दलाल- सलिल।
रिपोर्टर। ओके।
अंदर के हाल भी बेहाल
आरटीओ ऑफिस के काउंटर नंबर चार और पांच पर तो दलाल सबसे आगे थे। उनके हाथ में कागजों को ढेर था और बैक डोर से भी वह अपना हस्तक्षेप दिखा रहे थे। जबकि, पब्लिक गर्मी में अपने नंबर का इंतजार कर रही थी। इन दोनों काउंटरों पर प्रभारी लाइसेंस नवीनीकरण अनुभाग (व्यवसायिक) और स्थाई समेत सभी प्रकार के फीस नवीनीकरण का काम होता है। बताते हैं कि यहां पर लाइसेंस रिन्यूवल की फीस जमा होने के बाद नंबर भी मिलता है। इसलिए यहां दलालों की विशेष नजर होती है।