-जमीन पर फेंकी जा रही महत्वपूर्ण फाइलें

-फाइलें गुम होने के कारण आवेदक परेशान

Meerut। आरटीओ कार्यालय में नए साल पर नए रंग रूप और व्यवस्थाओं के साथ काम शुरू किया गया था। विभाग में दलाल राज और भ्रष्टाचार रोकने के लिए कई नई व्यवस्थाएं की गई थी। इन व्यवस्थाओं के तहत सभी काउंटर पर संबंधित बाबू की उपस्थिति को प्राथमिकता के तौर पर तय किया गया था। साथ ही साथ सभी काउंटर्स पर फाइलों को आवेदक को सौंपने की व्यवस्था को लागू किया गया था। लेकिन एक माह में ही विभाग की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई।

जमीन पर फेंकी जा रही फाइलें

आरटीओ कार्यालय में रोजाना हजारों की संख्या में टैक्स, फीस, लाइसेंस और परमिट संबंधी आवेदन आते हैं। ऐसे में सैकड़ों की संख्या मे फाइलों का ढेर बाबूओं की टेबल पर रखा रहता है। हालत यह है कि बाबू काम करने के बाद फाइलों को आवेदकों के हाथ में देने के बजाए जमीन पर फेक देते हैं। ऐसे में जमीन पर पड़ी फाइलों के ढेर में अपनी फाइल तलाशना खुद आवेदक की जिम्मेदारी है।

फाइलें हो रही गुम

आरटीओ कार्यालय में परमिट और टैक्स की रसीद समेत फाइलों के गुम होने का सिलसिला बढ़ रहा है। दलालों के चक्कर में आवेदक परेशान हो रहे हैं। दलाल अपनी दर्जनों फाइलें एक साथ बाबू के काउंटर पर पहुंचा दी जाती हैं फाइलें साइन होने के बाद फाइलें बाहर फेंक दी जाती है ऐसे में यदि बीच मे कुछ आवेदकों की फाइलें आ जाएं तो वो भी जमीन पर फेक दी जाती हैं।

नही मिल रहे बाबू

विभाग के सभी काउंटर्स पर बाबू अपनी समय से सीट पर मौजूद रहे इसके लिए प्रत्येक काउंटर पर बाबू का नाम मोबाइल नंबर लिखकर व्यवस्था बनाई गई थी। लेकिन बावजूद इसके बाबूओं का सीट पर बैठना दूर बाबूओं के मोबाइल नंबर तक नही मिलता। ऐसे में आवेदक घंटों चक्कर लगाकर वापस चले जाते हैं।

वर्जन-

व्यवस्था को बनाए रखने के लिए स्टाफ के सहयोग की जरूरत होती है। इसके लिए अब औचक निरीक्षण किया जा रहा है। दो काउंटर पर अक्सर बाबू अनुपस्थित रहते हैं उन पर कार्रवाई होगी। फाइलों के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी।

- डॉ। विजय कुमार, आरटीओ

कोटस-

बस का टैक्स जमा करने के लिए फाइल जमा की थी। आधा घंटे बाद काउंटर से फाइल और रसीद दोनो गायब हो गई। काउंटर पर पूछ तो बताया की नीचे फाइलें पड़ी हैं उसमें देख लो।

- नरेश

टैक्स जमा होने के बाद ना तो आवेदक को आवाज लगाई जाती है और ना ही कोई कुछ बताता है बस जमीन पर फेंकने की व्यवस्था बनाई हुई है।

- संजीव

फाइलें या रसीद खोना आम सी बात हो गई है। दलाल तो अक्सर दूसरों की फाइलें भी उठाकर ले जाते हैं। खुद नजर रखे तभी फाइल मिल सकती है।

- मंजीत