RANCHI : सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन पद से रूपा कुमारी इस्तीफा दे सकती हैं। मिशनरीज ऑफ चैरिटी के 'निर्मल ह्दय' से बच्चों के बेचे जाने के मामले व उसकी जांच को लेकर लगातार पड़ रहे राजनीतिक दबाव को इसकी वजहें बताई जा रही हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर से बातचीत के क्रम में रूपा कुमारी ने सीडब्ल्यूसी का चेयरपर्सन पद छोड़ने की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि इस बाबत जल्द ही वे अपने कंट्रोलिंग ऑफिसर से इस बाबत बातचीत कर अपनी परेशानियां बताएंगी।

जांच की करेंगे मांग

सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन रूपा कुमारी ने बताया कि कॉरपोरेट सेक्टर से बिलांग करती हूं। जब से इस पद को संभाला है, अन्य मेंबर्स से अपेक्षा के अनुरुप सहयोग नहीं मिल रहा है। उनकी गैर मौजूदगी में अन्य मेंबर्स पीडि़ताओं के परेशानियों को समझने की कोशिश नहीं करते हैं। वे उनकी समस्याओं का सही तरीके से जवाब नहीं देते हैं। ऐसे में कार्य करने में दिक्कतें आ रही हैं।

1- मेंबर्स का नहीं मिल रहा सहयोग

सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन रूपा कुमारी को दर्द इस बात का है कि उन्हें अन्य मेंबर्स का सहयोग नहीं मिल रहा है। इस वजह से लंबित मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।

2- वर्क कल्चर अच्छा नहीं

रूपा कुमारी का यह भी कहना है कि सीडब्ल्यूसी में माहौल हेल्दी नहीं है। वर्क कल्चर का अभाव है। जो निर्देश देते हैं उसे भी मेंबर्स नहीं मानते हैं।

3- मनमर्जी से मेंबर्स करते काम

सीडब्ल्यूसी में सभी मेंबर्स अपने मनमर्जी से काम करते हैं। वे अपने हितों को ज्यादा तरजीह देते हैं। यहां करप्शन भी बढ़ रहा है। ऐसे में पद पर बने रहना उचित नहीं है।

4- एक-दूसरे पर टालते काम

रूपा कुमारी ने कहा कि सीडब्ल्यूसी में सभी मेंबर अपनी बात को तरजीह देते हैं। वे अपने काम को एक दूसरे पर टाल देते हैं, जिस वजह से मामलों के निपटारे में दिक्कतें आ रही हैं।

5- संसाधनों की है कमी

सीडब्ल्यूसी में संसाधनों का अभाव है। बिजली-पानी की भी समस्या है। मामलों की सुनवाई के लिए अलग से व्यवस्था नहीं है। गोपनीय बातें लीक हो जा रही है। दस्तावेज को सेफ रखने की व्यवस्था नहीं है। कोर्ट रूम में लोग ताक- झांक करते रहते हैं।