महंगा होगा डीजल व पेट्रोल

रुपए की कीमत में हो रही इस गिरावट ने गवर्नमेंट के करंट अकाउंट के घाटे पर एक बार फिर दबाव बना दिया है. गोल्ड के इंपोर्ट में गवर्नमेंट चाह कर भी कमी नहीं कर पा रही है. दूसरी ओर सस्ता रुपया कच्चे तेल का इंपोर्ट बिल बढ़ाएगा. साथ ही यह पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों पर भी असर डालेगा.

एक डॉलर की कीमत मंडे को 57.17 रुपए पर खुली. आरबीआई की मदद नहीं मिलने के बाद रुपए में गिरावट का सिलसिला दिन भर बना रहा. यह 58 रुपए को पार कर गया. अंत में एक डॉलर की कीमत 110 पैसे की भारी गिरावट के बाद 58.16 रुपए पर थमी.

पिछले एक महीने में 8 परसेंट की गिरावट

पिछले डेढ़ महीने में रुपए में करीब आठ परसेंट की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. रुपए में गिरावट की एक वजह शेयर और कर्ज बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी भी रही है.

आरबीआई को करनी होगी पहल

इंडिया फॉरेक्स एडवाइजर्स के सीईओ अभिषेक गोयनका के मुताबिक अब समय आ गया है जब रिजर्व बैंक को आगे बढ़ कर पहल करनी होगी. पिछले साल के समान सेंट्रल बैंक को सभी बैंकों की ओवरनाइट लांग पोजीशन को सीमित कर देना चाहिए. इससे बाजार बंद होने के बाद मुद्रा बाजार में होने वाले सौदों की वजह से रुपए की कीमत में उतार-चढ़ाव रोकने में मदद मिलेगी.

शेयर मार्केट में भी उतार-चढ़ाव

रुपए की कीमत में तेज गिरावट का असर शेयर मार्केट पर भी दिख रहा है. सेंसेक्स व निफ्टी में दिन भर उतार-चढ़ाव बना रहा. अलबत्ता सस्ते रुपए ने आइटी कंपनियों के शेयरों की कीमतों को बढ़ा दिया है. बीते दिनों फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम की दुबई यात्रा को भी इसी नजरिये से देखा जा रहा है. बीते तीन हफ्ते में एफआईआई भारतीय कर्ज बाजार से तीन अरब डॉलर की निकासी कर चुके हैं.

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