स्टेट के फेमस इकोनॉमिस्ट डॉ रमेश शरण वैसे तो जगह-जगह लोगों को अर्थशास्त्र की बारीकियां बताते रहते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वे अपने घर के अर्थशास्त्र में उलझे हुए हैं। बेटी को इंगलैंड पढ़ाई के लिए भेजना है। पिछले कुछ महीनों से बेटी की पढ़ाई का बजट तैयार कर रखा था। एजुकेशन लोन भी सैंक्शन हो चुका था। अब पूरा बजट बिगड़ गया। इंडियन रुपया डॉलर के मुकाबले अपने लोएस्ट रेट यानी 55.39 पर पहुंच गया। डॉ शरण के मामले में तो पाउंड की बात है। वहां तो मामला और भी परेशान करने वाला है। स्थिति इसलिए बिगड़ गई है कि फॉरेन एजुकेशन लोन के लिए रुपए तो लिमिट तक ही मिलेंगे लेकिन फॉरेन में उसकी वैल्यू कम हो गई है।

पेट्रोल-डीजल महंगा होगा और फिर .
रुपए का कमजोर होना सबसे ज्यादा इंपोर्ट होने वाली चीजों पर इफैक्ट डालेगी। ऐसा होने पर निश्चित तौर पर पेट्रोल और डीजल महंगा होगा। इसके महंगे होते ही इंफ्लेशन रेट बढ़ेगा और महंगाई लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेगा। यानी महंगाई बेडरूम, ड्राइंग रूम से लेकर लॉकर और गाडिय़ों तक अपना असर दिखाने वाली है।


महंगे हो सकते हैं फ्रीज, एसी  और मोबाइल
इंपोर्ट होकर हमारे और आपके पास तक पहुंचने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स के अलावा कंप्यूटर और मोबाइल अगले महीने से 5 परसेंट तक महंगे हो सकते हैं। पिछले कुछ महीने में डॉलर के मुकाबले रुपए में लगभग 10 परसेंट की गिरावट हुई है। इसका सीधा असर इंपोर्ट होने वाली चीजों पर पड़ेंगी और उन चीजों की कीमत बढ़ जाएगी। सिटी में पर मंथ इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स का लगभग 15-20 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स के शोरूम ओनर राजा कहते हैं कि महंगे होने पर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स की डिमांड कम होगी और इससे मार्केट पर निश्चित तौर पर निगेटिव इफैक्ट पड़ेगा।

सोने की चमक और बढ़ेगी
सिटी में हर मंथ लगभग 150-180 करोड़ रुपए के गोल्ड का कारोबार होता है। रुपए के गिरने और शेयर मार्केट के डाउनफॉल से इन्वेस्टर्स सबसे ज्यादा गोल्ड में इंवेस्ट करेंगे। ऐसा होने पर अगले दो से तीन महीने में गोल्ड का रेट लगभग 10 परसेंट बढ़ सकता है। इकोनॉमिस्ट रमेश शरण कहते हैं कि इकोनॉमी में गिरावट आने के बाद इंवेस्टर्स का विश्वास शेयर मार्केट में कम होता चला जाता है। ऐसे में उनके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन गोल्ड रह जाता है, जहां क्विक और पॉजिटीव रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है।

फिर कभी चलेंगे एब्रॉड घूमने
इंडियन करेंसी की वैल्यू कम होने की वजह से समर वेकेशन में एब्रॉड ट्रिप फाइनल कर चुके सिटीआइट्स भी फिलहाल अपने ट्रिप को अवॉइड करने के मूड में हैं। सिटी के ट्रैवल एजेंसीज वालों का कहना है कि पिछले एक वीक में कई एब्रॉड ट्रिप कैंसिल हो चुके हैं। साकची में ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले अजय कुमार कहते हैं कि किसी भी फॉरेन ट्रिप पर जाने वाले कपल को अब लगभग 5 से 7 हजार रुपए ज्यादा देने पड़ेंगे। यही वजह है कि कई ट्रिप कैंसिल हो चुके हैं।

अगर आप यह सोच रहे हैं कि रुपया के कमजोर होने से महंगाई कैसे बढ़ेगी, तो आइए हम आपको यह गणित बताते हैं.
इंडिया में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के   अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स, कंप्यूटर हार्डवेयर और मोबाइल की सप्लाई पूरी तरह से इंपोर्ट पर निर्भर है। इंटरनेशनल मार्केट में पेमेंट डॉलर में किया जाता है। मान लीजिए आज से दो महीने पहले एक डॉलर 50 रुपए के बराबर था। उस समय किसी मोबाइल की कीमत 20 डॉलर थी। इसके लिए उस समय 1000 इंडियन रुपए देने पड़ते होंगे। आज एक डॉलर 55 रुपए के बराबर है। मोबाइल की कीमत 20 डॉलर ही रहने के बावजूद उसके लिए 1100 रुपए देने होंगे। इसी तरह एजुकेशन लोन से फॉरेन में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को बैंक से सैंक्शन हुए पैसे ही मिलेंगे लेकिन फॉरेन में उसकी वैल्यू कम हो जाएगी। अगर दो महीने पहले 20 लाख रुपए यानी 40 हजार डॉलर का लोन सैंक्शन हुआ हो तो आज उसे यहां  20 लाख रुपए मिल जाएंगे लेकिन फॉरेन में उसकी वैल्यू 36 हजार डॉलर के आस-पास हो जाएगी।

इंडियन करेंसी के कमजोर होने की वजह से निश्चित तौर पर फॉरेन एजुकेशन लोन पर निगेटिव असर पड़ेगा। कई लोग अपनी प्लानिंग फिलहाल कैंसिल कर देंगे। लेकिन मुझे लगता है कि यह सिचुएशन ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी।
- राघवेंद कुमार, चीफ मैनेजर यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया मेन ब्रांच बिस्टुपुर

फॉरेन एजुकेशनल लोन के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। फॉरेन में सेशन अगस्त से स्टार्ट होता है। जो पहले लोन ले चुके होंगे उनके लिए भी रुपए का कमजोर होना  नुकसानदायक है।
- विकास कुमार, एजीएम एसबीआई बिस्टुपुर

रुपया के  नीचे गिरने से महंगाई बढ़ेगीव इंवेस्टर्स का विश्वास भी शेयर मार्केट से घटेगा। दूसरे ऑप्शन के तौर पर गोल्ड में इंवेस्टमेंट बढऩे की संभावना है. 
- अनिल अग्रवाल, मार्केट