रूस पर बैन लगाने की मांग
बड़े स्तर पर डोपिंग की रिपोर्ट उजागर होने के बाद रूस के एथलेटिक्स फेडरेशन पर 2016 ओलिंपिक समेत सभी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की जा रही है। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) के स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट में रूसी एथलेटिक्स में बड़े स्तर पर डोपिंग का मामला उजागर हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे प्रकरण में सरकार की मंजूरी शामिल है और इसके चलते रूसी एथलीट्स के 2016 रियो डी जनेरियो ओलिंपिक में हिस्सेदारी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

नमूनों को जानबूझकर नष्ट किया

वाडा के पूर्व प्रमुख रिचर्ड पाउंड ने इस तीन सदस्यीय आयोग की अगुआई की। इस आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि मास्को की लेबोरेटरी ने 1400 नमूने जानबूझकर नष्ट कर दिए, जबकि वाडा ने उन्हें संभालकर रखने को कहा था। इस आयोग ने अंतरराष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) से रूस के एथलेटिक्स महासंघ (एआरएएफ) को डोपिंग के उल्लंघन के कारण निलंबित करने की मांग की है। आईएएएफ अध्यक्ष सेबेस्टियन को ने रूस को इस मामले में जवाब देने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया है। को ने कहा- मैं उनसे स्पष्टीकरण चाहता हूं। मैं इन आरोपों से स्तब्ध हूं।

लंदन ओलंपिक में धोखा
इसके जवाब में रूस के खेलमंत्री विताली मुत्को ने कहा कि मास्को आईएएएफ या वाडा की सिफारिशों का पूरी तरह पालन करेगा। लेकिन दूसरी तरफ रूस के एंटी-डोपिंग एजेंसी के प्रमुख निकिता कामायेव ने इस रिपोर्ट को आधारहीन बताया और इस बात से साफ इंकार किया कि अधिकारियों ने एथलीट्स से रिश्वत लेकर उनके नमूने नष्ट किए। वाडा के इस आयोग ने 800 मीटर दौड़ की ओलिंपिक चैंपियन मारिया सेविनोवा समेत पांच रूसी एथलीट्स पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनके अनुसार इन डोपिंग से जुड़े एथलीट्स ने लंदन ओलिंपिक के साथ धोखा किया था। इसके अलावा मास्को की एंटी डोपिंग लेबोरेटरी की मान्यता भी खत्म की जाने की अनुशंसा की गई।

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