रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जब बताया गया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के लिए अलग से मंत्रालय शुरू किया है तो अंचंभे से उनका पहला सवाल था, क्या मोदी स्वयं योग करते हैं? योग के लिए अलग से मंत्रालय पर सवाल खड़ा करते हुए हुए पुतिन ने कहा कि आखिर हर कोई यह क्यों करेगा? उन्होंने हैरानी जताई और सवाल भी किया कि जो व्यक्ति दुनियाभर में योग का प्रसार करना चाहता है,  क्या वह स्वयं योग करता है?

असल में नवंबर 2014 में भारत सरकार ने आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध तथा होमियोपैथी चिकित्सा से जुड़े मामलों के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया था, जिसे आयुष मंत्रालय कहा जाता है। पुतिन की ये प्रतिक्रिया इसी मंत्रालय के बारे में बताए जाने पर उस समय आई जब वे सेंट पीटर्सबर्ग में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच की बैठक के दूसरे दिन इस महत्वपूर्ण घटना की कवरेज के लिए दुनिया के विभिन्न देशों से पहुंचे समाचार एजेंसियों के पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

वैसे एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये भी कहा कि मोदी अच्छे व्यक्ति हैं और व्यक्तिगत तौर पर उनके मित्र हैं। ये पूछे जाने पर कि उन्हें और मोदी को दुनिया के सख्त नेता के रूप में देखा जाता हैं, पुतिन ने कहा कि वे सख्त नहीं हैं बल्कि हमेशा समझौते करना चाहते हैं। लेकिन मोदीके लिए उनका कहना था की भारतीय प्रधानमंत्री का रुख कड़ा होता है। सेंट पीटर्सबर्ग से ताल्लुक रखने वाले पुतिन ने खुशनुमा तरीके से बात करते हुए कहा कि उनकी दो विचारधाराएं हैं। एक ये कि वह सही हैं और दूसरी ये कि वे गलत हैं।

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