रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को फोन किया और यूक्रेन मामले पर मतभेदों को दरकिनार करके उनसे वहां के मौजूदा हालात, आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के बढ़ते खतरे से निबटने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता समेत कई मामलों पर बात की। इस बारे में जानकारी देते हुए व्हाइट हाउस ने बताया कि ओबामा और पुतिन ने इस्लामिक स्टेट को सीरिया और दूसरे इलाकों में और बढने से रोकने की आवश्यकता और यूक्रेन में मौजूदा हालात पर गंभीरता से बातचीत की है। उन्होंने सीरिया के अलावा मध्य पूर्व के वर्तमान घटनाक्रम के अलावा ईरान से संबंधित परमाणु वार्ताओं जैसे कई मुद्दों पर एक दूसरे की राय जानी और अपना नजरिया भी स्पष्ट किया।

इस मामले में अमेरिका की ओर से कहा गया है कि वह मध्य एवं पूर्वी यूरोप में पहली बार भारी हथियार तैनात करेगा। नाटो ने भी वादा किया है कि वह पूर्वी यूरोप में अपनी सैन्य मौजूदगी को बढाएगा। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट  किया कि ओबामा ने यूक्रेन की जमीन से सभी रूसी सैन्य बलों एवं उपकरणों को हटाने समेत मिंस्क समझौते के तहत रूस द्वारा सभी प्रतिबद्धताएं पूरी किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।  व्हाइट हाउस के प्रवक्ता से पता चला है कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने सीरिया में खतरनाक होते हालात पर चर्चा की और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए चल रही वार्ता में  P5 + 1 ग्रुप जिसमें ब्रिटेन, चाइना, फ्रांस, जमर्नी, रूस और अमेरिका शामिल हैं,  की एकता को बरकरार रखने की जरूरत पर बल दिया।

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