रूस में आसमान से गिरा था उल्‍कापिंड,आवाज अमेरिका तक गई थी
यूएस और यूके तक पहुंची थी धमक
दुनिया में ऐसे कई बड़े-बड़े रहस्य हैं जिनसे पर्दा उठना बाकी है। ऐसा ही एक मामला रूस से जुड़ा है। बात 20 जून 1908 की है, रात का समय था और सभी लोग अपने-अपने घरों में सो रहे थे। कि अचानक आधी रात को एक तेज धमाका हुआ यह विस्फोट इतना तेज था कि इसकी धमक और आवाज इंग्लैंड और अमेरिका तक सुनाई दी। हर कोई हैरान था कि आखिर यह आवाज कहां से आई। अगले दिन पता चला कि रूस के साइबेरिया के जंगल में यह विस्फोट हुआ था जिसकी वजह से 80 मिलियन पेड़ तबाह हो गए थे और लाखों की संख्या में हिरन की मौत हो गई थी।

रूस में आसमान से गिरा था उल्‍कापिंड,आवाज अमेरिका तक गई थी
परमाणु बम से 185 गुना शक्ितशाली
पूरी दुनिया के लिए रहस्य बन चुके इस विस्फोट की जांच-पड़ताल की गई, तो पता चला यह परमाणु बम से 185 गुना शक्ितशाली था। इस विस्फोट की वजह से वहां एक विशालकाय गड्ढा भी बन गया। जिसे आज हम Cheko झील के नाम से जानते हैं।  

रूस में आसमान से गिरा था उल्‍कापिंड,आवाज अमेरिका तक गई थी
उल्कापिंड गिरा था क्या
हाल ही में इटली के कुछ शोधकर्ताओं ने इस भयंकर विस्फोट से जुड़े कुछ राज उजागर किए हैं। इनका कहना है कि यह विस्फोट आसमान से गिरे एक उल्कापिंड की वजह से हुआ था। क्योंकि 20 जून यानी विस्फोट वाली रात को ही साइबेरिया के ऊपर से एक बड़े उल्कापिंड को गुजरते देखा गया है। यानी कि यह उल्कापिंड धरती से टकराया, जिससे जंगल में आग लग गई। हालांकि कुछ एक्सपर्ट इस बात का खंडन करते हैं, उनका मानना है कि यह विस्फोट काफी विनाशकारी था जिसकी वजह से भयंकर आग लगी, जिसने पूरे रात में भी काफी चमक बिखेर दी थी।

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