- जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और महाश्रृंगार के बाद खुले मंदिरों के पट

- मंदिरों के बाहर लगे मेले, संगीनों के साए में हुआ जलाभिषेक

BAREILLY:

सावन माह के शुभारंभ के साथ ही नाथ नगरी बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठी। भोर में मंदिरों के पट खुलते ही श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ को शीश झुकाकर दर्शन और नमन किया फिर मन्नत मांगी। सुबह सवेरे नाथ नगरी के सातों नाथ की छटा देखकर ऐसा लगा मानो नाथ नगरी श्रद्धालुओं समेत शिवालय भी सावन माह का बेसब्री से इंतजार कर रहे हों। सुबह से ही शुरू हुए दर्शन पूजन का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा। इसके बाद मंदिरों के पट बंद हुए फिर शाम को दर्शनार्थियों ने मंदिर पहुंचकर पूजन अर्चन और महाआरती की।

लग गई लंबी लाइन

सावन माह का पहला सोमवार सूर्योदय के साथ सर्वा‌र्द्ध सिद्धियोग में शुभारंभ हुआ। सूर्योदय से पहले ब्रह्मामुहूर्त में नाथ नगरी के सभी शिवालयों में महंत और पुजारियों ने जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और महाश्रृंगार किया था। इसके बाद पहुंचे श्रद्धालुओं ने शिव दर्शन कर शिवलिंग पर रोली चंदन का टीका लगाकर प्रसाद ग्रहण किया। कई भक्तों ने अपनी मन्नत के अनुसार रुद्राभिषेक भी करवाया। देर शाम मंदिर कमेटी के निर्देशन में महाआरती का आयोजन किया गया। धोपेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी घनश्याम ने बताया कि अगले सोमवार को मंदिर का जत्था हरिद्वार जाएगा। वापसी के बाद रुद्राभिषेक कार्यक्रम होगा।

निकाली गई शोभायात्रा

दो सोमवार पहले से चल रही श्री नाथ नगरी जलाभिषेक समिति ने सावन के पहले सोमवार पर मढ़ीनाथ पर जलाभिषेक किया। इस दौरान गाजे बाजे के साथ श्रद्धालुओं नाचते गाते और झूमते हुए मढ़ीनाथ पहुंचे। वहां मुख्य शिवलिंग के साथ ही अन्य शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। यह जानकारी मीडिया प्रभारी मनोज देवल ने दी। तो दूसरी ओर हिन्दू युवा सेना ने जरी नगरी का बोर्ड हटाकर से बरेली के बाहरी इलाकों में नाथ नगरी के बोर्ड लगाने का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इसके बाद देर शाम चौरासी घंटा मंदिर में 101 दीपों से महाआरती कर प्रसाद बांटा।

कांवडि़यों का स्वागत

नाथ नगरी के सातों नाथों का जलाभिषेक करने के लिए करीब दो सौ से ज्यादा कांवडि़यों के जत्थे शहर पहुंचे। इसमें डाक कांवड़ और बोल बम दो तरह की कांवड़ शामिल रहीं। इसके अलावा कई अन्य अपनी मान्यता के अनुरूप मुरादें पूरी होने पर अकेले ही कांवड़ लेकर पहुंचे थे। कांवडि़यों के लिए मंदिरों में भी विशेष इंतजाम किए गए थे। उनके लिए अलग से लाइन लगी हुई थी। कांवडि़ए के परिधान में पहुंचने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को पहले ही दर्शन करने का मौका मंदिरों में मिला। इसके अलावा मंदिरों के बाहर मेले जैसा माहौल रहा। पुलिस प्रशासन के अधिकारी अलर्ट रहे।